बग्गी में राष्ट्रपति मुर्मू के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों भी थे. दरअसल, 40 साल पहले यानी 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी. इसके बाद बग्गी की परंपरा को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब 40 साल बाद इसे फिर से आज से शुरू कर दिया गया.
1984 तक गणतंत्र दिवस समारोहों के लिए राष्ट्रपति की ओर से बग्गी का उपयोग किया जाता था. आज गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बग्गी से कर्तव्य पथ पर पहुंचीं. इसके बाद राष्ट्रपति ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया गया. इस दौरान इंडियन मेड 105-एमएम इंडियन फील्ड गन के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई और फिर गणतंत्र दिवस परेड शुरू हुई.
आजादी के पहले वायसराय करते थे यूज
#WATCH | Delhi | President Droupadi Murmu and French President Emmanuel Macron leave for the Kartavya Path, in a special presidential carriage.#RepublicDay2024 pic.twitter.com/gH1I6kjFUV
— ANI (@ANI) January 26, 2024
बताया जाता है कि 1984 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों के चलते बग्गी का उपयोग बंद कर दिया गया था. इसके बाद राष्ट्रपतियों ने यात्रा के लिए लिमोजीन का उपयोग करना शुरू कर दिया. बता दें कि जिस बग्गी से राष्ट्रपति मुर्मू कर्तव्य पथ पर पहुंची, उस घोड़ा बग्गी पर सोने की परत चढ़ी हुई है. बताया जाता है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ राष्ट्रपति मुर्मू जिस बग्गी के जरिए कर्तव्यपथ पर पहुंचीं, वो काफी आरामदायक है. आजादी से पहले इसका यूज वायसराय करते थे. आजादी के बाद ये राष्ट्रपति भवन को सौंप दिया गया.
इससे पहले 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बीटिंग रिट्रीट समारोह में भाग लेने के दौरान छह घोड़ों वाली बग्गी की सवारी की थी. बता दें कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड में अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 और केंद्र सरकार के विभागों की 9 समेत कुल 25 झांकियां प्रदर्शित की गईं.
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