चीन का रिकॉर्ड टूटा, भारत का नाम गिनीज बुक में दर्ज, 'मेरी माटी मेरा देश' के तहत ली गईं इतने लाख सेल्फी
राष्ट्रीय:
India Name Records In Guinness Book: भारत ने चीन का रिकॉर्ड तोड़ते हुए गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया। 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के तहत करीब 10.42 लाख सेल्फी का रिकॉर्ड बना है।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रमाण पत्र स्वीकार किया। बता दें कि साल 2016 में इससे पहले सबसे ज्यादा ऑनलाइन सेल्फी का रिकॉर्ड चीन के पास था, वह भी सिर्फ एक लाख सेल्फी के साथ। अब महाराष्ट्र की सवित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (SPPU) ने मिट्टी के साथ 10,42,538 सेल्फी का रिकॉर्ड बनाया है।
'मेरी माटी मेरा देश' अभियान देशभक्ति का प्रतीक
मुंबई विश्वविद्यालय में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्रमाण पत्र पुरस्कार समारोह में भाग लेने के बाद उप-मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह हर किसी के लिए गर्व का क्षण है। यूनिवर्सिटी ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। हमारे पास 25 लाख सेल्फी थीं, लेकिन 10,42,538 सेल्फी को मंजूरी मिली हैं। हमने चीन को हराकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है, जिसने इस रिकॉर्ड को तोड़ा। हमें और रिकॉर्ड तोड़ने की जरूरत है। अभियान से जुड़े सभी लोगों को बधाई। 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान देशभक्ति का प्रतीक है। महाराष्ट्र ने पूर्ण समर्थन के साथ इसमें भाग लिया। 'मिट्टी के कलश' को दिल्ली भेजने के लिए ट्रेनों की विशेष व्यवस्था की है।
समापन समारोह में PM मोदी ने लिया था हिस्सा
उप-मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान देश के लिए अपना बलिदान देने वाले बहादुर सैन्य जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए है। देशभर के घरों से पवित्र मिट्टी और चावल जुटाए गए और अमृत कलश में रखे गए। देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों के 6 लाख से अधिक गांवों और शहरों में यह अभियान चलाया गया। अभियान का समापन 31 अक्टूबर 2023 को हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समापन समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में 'मेरा भारत युवा' संगठन देश के विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा। मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2.3 लाख से अधिक शिलाफलकम बनाए गए। लगभग 4 करोड़ पंच प्राण प्रतिज्ञा सेल्फी अपलोड की गईं। देशभर में 2 लाख से अधिक 'वीरों का वंदन' कार्यक्रम किया गया। 2.36 करोड़ से अधिक स्वदेशी पौधे लगाए गए और 2.63 देशभर में वसुधा वंदन थीम के तहत लाखों अमृत वाटिकाएं बनाई गईं।