बेटे का जन्मदिन मनाने लिए नहीं थे पैसे
चोरी करते पकड़े गए युवक की पहचान बृजेश धाकड़ निवासी खटका गांव गोपालपुर के रूप में हुई है। बृजेश धाकड़ ने बताया कि बेटे के जन्मदिन पर जेब में 10 रुपये भी नहीं थे। रुपयों की जरूरत थी तो सोचा अपना खून भी बेच दूंगा। जिला अस्पताल में दो लड़के मिले और बोले कि तुम्हारा खून का कुछ करवाते हैं। उन्होंने कहा था कि उनका कोई भर्ती है और खून की जरूरत है। बदले में रुपये मिल जाएंगे। इसके बाद वह दोनों लड़के गायब हो गए। मुझे रुपयों की जरूरत थी और कुछ समझ में नहीं आया तो मोबाइल चोरी कर लिया। उसने बताया कि वह मोबाइल किसी को बेच देता जिससे उसे रुपये मिल जाते।
यह चोरी का मामला तो है ही, लेकिन इस घटनाक्रम से एक बार फिर जिला अस्पताल में खून खरीदने-बेचने का मामला भी सामने आया है। पूर्व में यहां पर दलालों द्वारा खून का सौदा किए जाने का खुलासा नईदुनिया भी कर चुका है।
चोर के पकड़ते ही सामने आईं दो और पीड़िताएं
राजेश श्रीवास्तव निवासी झींगुरा अपने उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती था। उसने अपना फोन चार्जिंग पर लगाकर बेड पर रख दिया था। इसके बाद नजर बचाकर बृजेश ने उसे चुरा लिया। हालांकि तब तक वार्ड में मौजूद लोगों की नजर उस पर पड़ गई और वार्ड से बाहर निकलते ही पकड़ लिया। जैसे ही चोर के पकड़े जाने की खबर जिला अस्पताल में फैली तो दो और ऐसी महिलाएं सामने आ गईं जिनके मोबाइल अस्पताल परिसर से चोरी जा चुके हैं।
खोड़ की रहने वाली संगीता वशंकार और नावली गांव की रहने वाली गुड्डी जाटव ने भी अपना मोबाइल चोरी होने की बात कही। हालांकि आरोपित के पास से सिर्फ राजेश का ही मोबाइल मिला और उसने इसके पहले किसी भी तरह की चोरी से भी इनकार किया है। सूचना पर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और आरोपित को अपने साथ ले आई।
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