आत्महत्या कर रहें छात्रों को लेकर, IIT ने उठाया कदम, बनाया गया खास तरह का एप जो छात्रों का बर्ताव करेगा ट्रैक और करेगा अलर्ट

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आत्महत्या कर रहें छात्रों को लेकर, IIT ने उठाया कदम, बनाया गया खास तरह का एप जो छात्रों का बर्ताव करेगा ट्रैक और करेगा अलर्ट आईआईटी में स्टूडेंट्स की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने और छात्रों में तनाव कम करने के लिए आईआईटी मैनेजमेंट ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत आईआईटी दिल्ली ने मिड सेमेस्टर परीक्षाओं के एक सेट का कम कर दिया है. पहले मिड सेमेस्टर परीक्षा में दो सेट होते हैं. अब छात्रों को एक सेट की ही परीक्षा देनी होगी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2018 से 2023 तक भारत के शीर्ष उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या से हुई कुल 98 मौतों में से कम से कम 39 आईआईटी में हुईं हैं

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के निदेशक रंगन बनर्जी के अनुसार आईआईटी दिल्ली ने अपनी मूल्यांकन प्रणाली में सुधार किया है और छात्रों के तनाव को कम करने के लिए मिड सेमेस्टर परीक्षाओं का एक सेट हटा दिया है. उन्होंने कहा कि पहले हमारे पास एक सेमेस्टर के दौरान परीक्षाओं के दो सेट होते थे. प्रत्येक सेमेस्टर के अंत में अंतिम परीक्षा और कई निरंतर मूल्यांकन तंत्र होते थे.


हमने एक आंतरिक सर्वेक्षण किया और सभी छात्रों और संकाय से मिले फीडबैक के आधार पर परीक्षाओं के एक सेट को हटाने का फैसला किया है. बनर्जी ने कहा कि हमने महसूस किया कि परीक्षा कैलेंडर बहुत व्यस्त था और इसलिए छात्रों के बोझ और तनाव को कम करने के लिए ऐसा किया. उन्होंने बताया कि इस फैसले को सीनेट ने भी मंजूरी दे दी है और इसे चालू सत्र से लागू किया जाएगा.

छात्र कैसा कर रहे बर्ताव, ट्रैक करेगा एप

आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि के मुताबिक शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र से आत्महत्या और छात्रों के डिप्रेशन को कम करने के लिए कई पहल की गई है. इसके तहत एक ऐसा एप बनाया गया है, जो छात्रों के बर्ताव को ट्रैक करेगा. एप स्टूडेंट्स के अभिभावकों को सप्ताह में दो बार बच्चों से जरूर बात करने का रिमाइंडर भी भेजेगा. स्टूडेंट्स को अपने अभिभावकों से बातचीत के दौरान उसकी रिकार्डिंग भी करनी होगी.

स्टूडेंट्स कितने दिन क्लास में आएं, ऐसे चलेगा पता

आईआईटी मद्रास ने फेस रिकग्निशन अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया है. छात्र की अटेंडेंस अब इसी के जरिए लगेगी. इसमें खास बात यह है कि अगर कोई भी स्टूडेंट्स क्लास या मेस में दो दिन तक नहीं आता है, तो मैनेजमेंट-वॉर्डन को इसका मैसेज आ जाएगा. साथ ही संस्थान ने छात्रो के तनाव को कम करने के लिए साइकोलोजिस्ट की एक की टीम बनाई है, जो स्टूडेंट्स को नियमित बात करेगी.

बता दें कि आईआईटी दिल्ली में बीटेक अंतिम वर्ष के 20 वर्षीय छात्र की पिछले महीने कैंपस हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी. वहीं आईआईटी हैदराबाद में 7 अगस्त को 21 साल की छात्रो ममिथा नायक ने भी हॉस्टल फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.

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