क्या है मामला?
मणिपुर के इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के एक प्रवक्ता के मुताबिक, यह हैवानियत भरी घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई। वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। महिलाएं मदद के लिए मिन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अब तक दो आरोपी गिरफ्तार
मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि जैसे ही वीडियो हमारे संज्ञान में आया, हमने आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की। हमने एक मिनट भी जाया नहीं किया है। घटना में शामिल लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। कल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। अभी मुझे जानकारी मिली है कि एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
आज सुबह एक आरोपी को किया गया था गिरफ्तार
इससे पहले पुलिस ने आज सुबह एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। उसका नाम हुइरेम हेरोदास मैतेई बताया जा रहा है और उसकी उम्र 32 वर्ष बताई गई है। वह पेची अवांग लीकाई का है। वीडियो में यही शख्स मुख्य अपराधी लग रहा था, जिसने हरे रंग की टी-शर्ट पहनी हुई थी और महिला को पकड़ रखा था। वीडियो वायरल होने के बाद उसकी पहचान की गई और गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया।
राज्यपाल ने किया डीजीपी को फोन
वायरल वीडियो पर मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी प्रतिक्रया दी। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मेरे राज्य में इस तरह की घटना हुई है। मैं जानना चाहती हूं कि महिलाओं की शिकायत पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? मैंने आज अपने राज्य के डीजीपी को फोन किया। भविष्य में कभी भी किसी को भी महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार के अपराध करने का साहस नहीं करना चाहिए।
पीएम मोदी बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना ने 140 करोड़ लोगों को शर्मसार किया है। इस क्रूर घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि इस मामले में कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा।
मई से ही हालात खराब
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
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