गगनयान मिशन को लेकर केंद्र सरकार पहले ही इसरो को 10 हजार करोड़ की रकम दे चुकी है. यह भारत का अंतरिक्ष में पहला मानव मिशन है. गंभीरता को देखते हुए इसे लेकर इसरो में बारीकी से परिक्षण किए जा रहे हैं. इसरो की योजना गगनयान के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर ऊपर स्पेस में भेजने की है. इस संबंध में भारतीय वायुसेना की मदद भी ली जा रही है. वायुसेना से अंतरिक्ष यात्री चुनने के लिए कहा गया है.
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ISRO successfully tested the Gaganyaan Service Module Propulsion System (SMPS) – which caters to the requirements of the Orbital Module – at IPRC, Mahendragiri.
— ISRO (@isro) July 20, 2023
The hot test was conducted in SMPS’s final configuration. https://t.co/yO0O1I77p2 pic.twitter.com/0Wn4KzGfTU
चुनिन्दा देशों में बनाएगा भारत अपनी जगह
गगनयान इसरो के तीन अंतरिक्ष मिशन का एक ग्रुप है. इसमें दो अभियान मानव रहित हैं जबकि तीसरे में मानव को भी अंतरिक्ष में भेजा जाता है. बताया जा रहा है कि इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भेजे जाएंगे, जिसमें से दो पुरुष और एक महिला होंगी. इसरो की योजना पृथ्वी की सबसे करीबी कक्षा (लोअर ऑर्बिट) में मानव यान भेजने की है. अगर गगनयान मिशन सफल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन जैसे चुनिन्दा देशों की फेहरिस्त में भारत भी शामिल हो जाएगा.
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