अवगत कराया जाएगा, जो उनके लिए बेहद लाभप्रद होगा।
क्या कहा गया है सर्कुलर में CBSC बोर्ड ने 21 जुलाई को इस फैसले को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था। जिसमें कहा गया है कि सीबीएसई से जुड़े स्कूल भारतीय संविधान की अनुसूची 8 के अनुसार भारतीय भाषाओं का उपयोग पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं से लेकर बारहवीं कक्षा तक वैकल्पिक माध्यम के रूप में अन्य मौजूद विकल्पों के रूप में करने पर विचार कर सकते हैं।
CBSC का कहना है कि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई मातृभाषा में हो सके | इसके लिए कुशल शिक्षकों, पाठ्यपुस्तकों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही इस बहुभाषी शिक्षा को लागू करने की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने स्कूलों से उपलब्ध संसाधनों का पता लगाने और विशेषज्ञों से परामर्श लेने को कहा है।
वहीं. शिक्षा मंत्रालय ने भी एनसीईआरटी को 22 अनुसूचित भाषाओं में नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने को कहा है। जानकारी के अनुसार ये पुस्तके अगले साल से उपलब्ध हो जाएंगी। बता दें कि अब तक सीबीएसई बोर्ड के तहत सिर्फ इंग्लिश में पढ़ाई कराई जाती थी । CBSC बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षा में हर साल 30 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स शामिल होते हैं।
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