सुसाइड नोट में बताया सूदखोरों ने कितना परेशान किया
श्रीमान कमिश्नर महोदय,
आपसे बताना है कि आप हमारा और हमारे परिवार का साथ देना प्लीज सर...। हमें शंकर शर्मा, कल्याण शर्मा, पवनपुरी ने 2016 से बहुत परेशान किया है। इनसे 2016 में एक लाख रुपए लिए थे। 40 हजार रुपए दे चुका हूं। इसके बाद भी इन लोगों ने मेरे खिलाफ केस दर्ज कराए हैं। इन लोगों ने मुझे बर्बाद कर दिया है। मुझे बहुत परेशान किया है।
ये लोग जीने ही नहीं दे रहे हैं। 2016 से इन लोगों को पैसे दे रहा हूं। मेरा बहुत अच्छा काम था सर। इन लोगों ने मुझे पूरा रोड पर ला दिया है। आप से हाथ जोड़ रहा हूं। मुझे इंसाफ दिलाना। मेरे परिवारवालों को अब ये लोग परेशान न करें। सर मैं मरना नहीं चाहता हूं, पर ये लोग जीने नहीं दे रहे हैं।
राजू पाल गली नं-2 मयूर नगर से मैं एक लाख रुपए लिया था। दुकान बेचकर 1.20 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद भी मुझ पर सात लाख रुपए का कर्ज बकाया बता रहे हैं। ये लोग मुझे जीने नहीं देंगे। सुनील रायकवार रोज धमकी देता है कि मेरा पैसा दे नहीं तो अच्छा नहीं होगा। इनके पास मेरा चेक भी है। पैसे देने के बाद भी ये चेक नहीं लौटा रहे। सर मैं बहुत परेशान हो चुका हूं। मेरे बेटे कभी मम्मी को परेशान मत करना। दादा-दादी की सेवा करना। सॉरी शिवा बेटे, मैं तेरी किताबें नहीं दिला पाया। सॉरी बच्चों मैं आपकी फीस नहीं भर पाया। सभी व्यापारी भाइयों मेरे बच्चों का व्यापार में साथ देना प्लीज।
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