पीएम मोदी ने किया था एलान
24 जून को अपनी राजकीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने रोनाल्ड रीगन सेंटर में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए अमेरिका के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय मूल की ये प्राचीनकालीन वस्तुएं सही या गलत तरीकों से अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच गई थीं, लेकिन अमेरिका ने इन्हें भारत को लौटाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले भी कई विदेशी दौरों पर वैश्विक नेताओं के साथ इस मामले पर चर्चा की, जिसकी बदौलत अब तक कई प्राचीन मूर्तियों और कलाकृतियों को विदेशों से वापस स्वदेश लाया गया है।
प्राचीन कलाकृतियों की वापसी का प्रयास
इससे पहले अमेरिकी ने 2022 में 307 प्रचीनकालीन वस्तुओं को भारत को लौटाया था। ये प्राचीनकालीन वस्तुएं तस्करी करके चुराई गई थीं, जिनकी कीमत लगभग 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी। इसमें से 238 को 2014 के बाद वापस लाया गया है। भारत सरकार की ओर से कहा गया कि सदियों से, असंख्य अमूल्य कलाकृतियां, जिनमें से कुछ का गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है, वो चोरी हो गईं और विदेशों में तस्करी करके ले जाई गईं। उन्हें वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है।