पुलिस ने बताया कि रविवार को कुछ मछुआरे मछली मारने के लिए तालाब में उतरे थे. इसी दौरान उन्हें तालाब के अंदर से एक महिला का सिर मिला. पहचान कराने के बाद शव को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. साहिबगंज के बोरियो संथाली मौजा के पुराना शिवालय के पोखर से मिले इस सिर की पहचान रुबिका पहाड़िन के सिर के रूप में हुआ है. रुबिका की बड़ी बहन शीला पहाड़िन ने तालाब से बरामद सिर की पहचान की है. हालांकि पुलिस ने डीएनए टेस्ट के लिए सिर को कब्जे में लेकर फोरेंसिक लैब भेज दिया है. इसके लिए पुलिस ने रुबिका की मां चांदी पहाड़िन और पिता सुरजा पहाड़िया के खून का सैंपल लिया है.
एफएसल करेगी पहचान की पुष्टि
पुलिस के मुताबिक बरामद सिर किसी महिला का ही है.लेकिन अभी साफ तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि यह रुबिका का ही है. एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद भी पुलिस पहचान की पुष्टि कर पायी है. इसके लिए रुबिका के माता पिता के खून का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट के लिए एफएसएल भेज दिया गया है.
कान की बालियों को बहन ने पहचाना
जानकारी के मुताबिक मछली मारने के दौरान जो खोपड़ी मछुआरों को मिली थी, उसकी कान में बालियां हैं. सूचना मिलने पर पहुंची रुबिका की बहन ने इन बालियों को देखकर पहचान की. बताया कि यह खोपड़ी उसके बहन की ही है. बता दें कि आदिम जनजाति पहाड़ी युवती रुबिका की हत्या उसके पति दिलदार अंसारी ने की थी. हत्या के बाद उसने अपने पिता मुस्तकीम, मां मरियम खातून, पहली पत्नी गुलेरा अंसारी, भाई अमीर अंसारी, महताब अंसारी, बहन सरेजा खातून आदि के साथ मिलकर उसके शव के 20 टुकड़े किए और इधर उधर फेंक दिया था. इस मामले में पुलिस अब तक दस आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. Source: digital media
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