दरअसल, बीते गुरुवार को पाक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने तालिबान को धमकी दी थी। कहा था कि अगर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने उनके देश पर हमले नहीं रोके तो पाकिस्तानी फौज अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी आतंकियों के ठिकानों को खत्म करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि टीटीपी आतंकी पाकिस्तान में हमला करके अफगानिस्तान में छिप जाते हैं, जहां तालिबान सरकार उनका समर्थन करती है।
भूलिए मत...यह अफगानिस्तान है
तालिबान मंत्री ने ट्वीट किया, राणा सनाउल्लाह! बहुत बढ़िया! अफगानिस्तान...सीरिया, पाकिस्तान या तुर्किए नहीं है। यह अफगानिस्तान है। यहां बड़ी-बड़ी हुकूमतों की कब्रगाहें हैं। हम पर सैन्य हमले के बारे में मत सोचिए, अन्यथा भारत के साथ शर्मनाक सैन्य समझौते जैसी स्थिति होगी।
1971 की जंग के बाद पाकिस्तान के हो गए थे दो टुकड़े
अफगान नेता ने जो तस्वीर साझा कर पाकिस्तान को धमकी दी है, उस 1971 की भारत-पाक जंग के बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे। इस जंग में पाकिस्तान को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा था और पाक सेना के 90 हजार सैनिकों ने भारतीय फौज के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसी के बाद बांग्लादेश एक अलग मुल्क बना था। तस्वीर में पाकिस्तान की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाजी ने दस्तखत किए थे। उनके दूसरी तरफ भारत के लेफ्टिनेंसट जनरल जगजीत सिंह अरोढ़ा मौजूद थे।
तालिबान विदेश मंत्रालय ने भी जारी किया बयान
पाक मंत्री के आरोप के बाद, तालिबान के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान उस पर बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। अफगानिस्तान, टीटीपी आतंकियों का पनाहगाह नहीं है। पाकिस्तान को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि हम कमजोर हैं। हमें अच्छे से पता है कि हमें अपनी हिफाजत कैसे करनी है। source: digital media
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