वहीं, उनके निधन के जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में भक्त और अनुयायी ज्ञानयोगाश्रम परिसर में अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे। इस दौरान कई लोग गमगीन दिखे। सिद्धेश्वर स्वामीजी के भक्त और अनुयायी कर्नाटक, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी फैले हुए हैं। कर्नाटक सरकार ने एक बयान में कहा कि सिद्धेश्वर स्वामीजी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। वहीं, विजयपुर जिला प्रशासन ने उनके सम्मान में मंगलवार (तीन जनवरी) को स्कूलो-कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित किया है।
शाम पांच बजे अंतिम संस्कार
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सिद्धेश्वर स्वामीजी के पार्थिव देह को मंगलवार सुबह 4.30 बजे तक आम लोगों के अंतिम दर्शन के लिए आश्रम में रखा जाएगा, उसके बाद पार्थिव देह को सैनिक स्कूल परिसर में रखा जाएगा, जहां लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे। पार्थिव देह एक बार फिर आश्रम लाया जाएगा, जहां शाम पांच बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। आश्रम के अनुसार, संत का अंतिम संस्कार उनकी इच्छा के अनुसार किया जाएगा।
आश्रम के सूत्रों ने बताया कि संत ने सोमवार को तीसरे दिन भी भोजन करने से इनकार कर दिया था। सोमवार सुबह से संत की तबीयत बिगड़ने के बाद आश्रम के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और लोग उनकी एक झलक पाने का इंतजार कर रहे थे।
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने स्वामीजी के निधन पर दुख व्यक्त किया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, परमपूज्य श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी को समाज की उत्कृष्ट सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने दूसरों की भलाई के लिए अथक परिश्रम किए। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके असंख्य भक्तों के साथ हैं। ओम शांति!
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन को राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। उन्होंने कहा कि विजयपुर के ज्ञानयोगश्रम के सिद्धेश्वर स्वामीजी के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। अपने प्रवचनों के माध्यम से मानव जाति के उद्धार के लिए उत्कृष्ट और अद्वितीय सेवा की। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उनके भक्तों को इस दुख को सहने की शक्ति दें। source: digital media
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ