वहीं, एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है.
इंडिया गठबंधन में जहां कांग्रेस ने चार सीटों पर जीत का परचम फहराया है, वहीं तृणमूल कांग्रेस ने चार, डीएमके और आम आदमी पार्टी ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की है.
इन उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश की देहरा सीट से राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी और कांग्रेस की उम्मीदवार कमलेश ठाकुर की जीत हुई है. कमलेश ने बीजेपी के होशियार सिंह को 32 हज़ार से ज़्यादा वोट से हरा दिया है.
लेकिन सुक्खू को उनके गृह ज़िले हमीरपुर में बीजेपी ने झटका दिया है. इस सीट पर बीजेपी के आशीष कुमार शर्मा क़रीब 1500 वोट से चुनाव जीत गए हैं.
वहीं, हिमाचल की नालागढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा जीत गए हैं.
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में हिमाचल की इन तीनों सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी. उनके इस्तीफ़े के बाद ये सीटें खाली हुई थीं.
इस साल फ़रवरी महीने में इन तीनों ही विधायकों ने राज्यसभा चुनावों में बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था. इस बार तीनों ही उम्मीदवारों ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
वहीं, बीजेपी शासित मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश प्रताप शाह को जीत मिली है. वो 3252 वोटों से चुनाव जीत गए हैं.
पश्चिम बंगाल की सभी चार सीटों पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि बिहार की रुपौली सीट निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह के खाते में गई है.
तमिलनाडु की विक्रावंडी सीट डीएमके के अन्नियूर शिवा ने एक लाख 24 हज़ार मतों से जीती है.
नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर खुशी ज़ाहिर की और लिखा कि अधिकतर सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीत मिली है.
रुपौली सीट के बारे में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि "वहां न हम जीते, न वो जीते. वहां कोई और ही जीत गया."
मध्यप्रदेश की अमरवाड़ा सीट पर भाजपा जीती
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी कमलेश प्रताप शाह 3252 वोटों से चुनाव जीत गए हैं.
भोपाल से बीबीसी के सहयोगी शुरैह नियाज़ी ने बताया है कि यहां चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी धीरन शाह 17वें राउंड तक आगे चल रहे थे, लेकिन उसके बाद वो पीछे होते चले गये.
शुरुआत के तीन राउंड की मतों की गिनती में भाजपा आगे चल रही थी. हालांकि आख़िर के दो राउंड में कांग्रेस ने गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस समर्थकों ने मतों की गिनती दोबारा कराने की मांग की है.
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ के गढ़ अमरवाड़ा में उपचुनाव कमलेश प्रताप शाह के कांग्रेस से भाजपा में चले जाने की वजह से हो रहा था.
यहां पर कुल नौ प्रत्याशी मैदान में थे. पहले तीन राउंड तक भाजपा आगे चल रही थी. उसके बाद पासा पलटा और कांग्रेस ने 17वें राउंड तक लीड बनाए रखी. लेकिन आख़िर के तीन राउंड में बाज़ी पलट गई.
आज़ादी के बाद हुए 14 चुनावों में अब तक भाजपा सिर्फ़ 2 बार इस आदिवासी बहुल क्षेत्र अमरवाड़ा में चुनाव जीत पाई है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को तीसरा स्थान मिला.
लोकसभा चुनाव से पहले कमलेश प्रताप शाह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. उसके बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया था.
पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा की सभी सात विधानसभा सीटें जीती थी हालांकि उसे प्रदेश में हार का मुंह देखना पड़ा था.
पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने चारों सीटें जीती
पश्चिम बंगाल में चार सीटों के लिए हुए उपचुनाव में टीएमसी को पहली जीत रायगंज सीट पर मिली.
यहाँ कृष्ण कल्याणी ने बीजेपी के मानस कुमार घोष को 50 हज़ार से ज़्यादा वोटों से हरा दिया.
कोलकाता से बीबीसी के सहयोगी प्रभाकर मणि तिवारी के मुताबिक़ पश्चिम बंगाल में विधानसभा की चार सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा है.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता की मानिकतला सीट के अलावा उत्तर दिनाजपुर की रायगंज, पुरुलिया ज़िले की बागदा और नादिया ज़िले की रानाघाट दक्षिण सीट भी जीत ली है.
इनमें से मानिकतला के अलावा बाक़ी तीन सीटें उसने भाजपा से छीनी हैं. भाजपा ने साल 2021 के विधानसभा चुनाव में यह सीटें जीती थी.
चुनाव आयोग ने मानिकतला सीट के नतीजे का आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं किया है. लेकिन वहाँ टीएमसी उम्मीदवार अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले काफी आगे हैं.
कोलकाता की मानिकतला सीट पर टीएमसी ने पूर्व मंत्री साधन पांडे की पत्नी सुप्ती पांडे को उम्मीदवार बनाया था. साधन पांडे के निधन के कारण यहां उपचुनाव कराए गए थे. उन्होंने इस सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण चौबे को करीब 62 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित कर दिया.
रायगंज सीट पर टीएमसी उम्मीदवार कृष्ण कल्याणी ने भाजपा के मानस कुमार घोष को 50 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से पराजित कर दिया. हाल के लोकसभा चुनाव के दौरान टीएमसी इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 47 हजार वोटों से पीछे थी.
कृष्ण कल्याणी ने वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर क़रीब 21 हजार वोटों के अंतर से यह सीट जीती थी. वो लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देकर टीएमसी में शामिल हो गए थे औऱ रायगंज संसदीय सीट पर चुनाव लड़ा था. लेकिन तब वो हार गए थे.
भाजपा को मतुआ बहुल बागदा सीट के अलावा नादिया ज़िले की रानाघाट दक्षिण सीट पर भी हार का सामना करना पड़ा है. बागदा में तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार मधुपर्णा ठाकुर 33 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीती.
जबकि रानाघाट दक्षिण में टीएमसी उम्मीदवार मुकुटमणि अधिकारी भी 39 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत गए. उन्होंने भाजपा के मनोज कुमार विश्वास को हराया. मधुपर्णा टीएमसी सांसद महुआबाला ठाकुर की पुत्री हैं.
मुकुटमणि ने साल 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी में शामिल हो गए थे. रानाघाट संसदीय सीट पर टीएमसी उम्मीदवार के तौर पर वो लोकसभा चुनाव हार गए थे.
चुनावी नतीजे पर भाजपा ने अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है. तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने कहा, "संदेशखाली समेत तमाम मुद्दों और आरोपों के बावजूद लोगों ने तृणमूल कांग्रेस पर ही भरोसा जताया है. वाममोर्चा के दौर या भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले बंगाल के लोग बेहतर स्थिति में रह रहे हैं. भाजपा पर उनका भरोसा नहीं है."
बगदा सीट पर इस बार तृणमूल कांग्रेस की मधुपर्णा ठाकुर ने बीजेपी के बिनय कुमार बिस्वास को 33 हज़ार से ज़्यादा वोटों से हरा दिया है.
उत्तराखंड में बीजेपी को झटका
उत्तराखंड की मंगलौर सीट से बीएसपी के विधायक सरवत क़रीम अंसारी के निधन से यह सीट खाली हुई थी.
वहीं बद्रीनाथ सीट से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हुई थी.
चुनाव आयोग के अनुसार बद्रीनाथ से कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने चुनाव जीत लिया है. वहीं बीजेपी के राजेन्द्र सिंह भंडारी दूसरे नंबर पर रहे.
मंगलौर सीट पर कांग्रेस के काज़ी मोहम्मद निज़ामुद्दीन ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर उन्होंने बीजेपी के करतार सिंह भड़ाना को हराया है।
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