एक नारा देकर बुरे फंसे ओवैसी, जा सकती है संसद की सदस्यता, जानें पूरा मामला

Digital media News
By -
0
एक नारा देकर बुरे फंसे ओवैसी, जा सकती है संसद की सदस्यता, जानें पूरा मामला

18वीं लोकसभा की सदस्यता लेते वक्त हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी का फिलिस्तीन के लिए जयकारे लगाना बहुत गंभीर बहस का मुद्दा बन चुका है। 'जय फिलिस्तीन' के उनके नारे के बाद से ही सत्ताधारी बीजेपी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

लोकसभा के रिकॉर्ड से तो ओवैसी के उस विवादास्पद नारे को हटा दिया गया है। लेकिन, ओवैसी ने खुद का बचाव करते हुए कह चुके हैं कि उनके 'जय फिलिस्तीन' नारे में कुछ भी गलत नहीं है।

ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' नारे के खिलाफ हमलावर है बीजेपी

एआईएमआईएम चीफ ने मंगलवार को उर्दू में लोकसभा की सदस्यता लेने के बाद आखिर में यह नारा लगाया था। पहले केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने ओवैसी के नारे को नियमों के खिलाफ बताया था। फिर, भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने एक्स पर ओवैसी के शपथ ग्रहण वाला विवादित वीडियो डालकर संविधान के अनुच्छेद 102 का एक वह हिस्सा डाला, जिसमें इस संबंध में अयोग्यता का प्रावधान है।

स्पीकर बनने के बाद आपातकाल पर ओम बिरला के बयान पर सदन में जमकर हंगामा, कार्रवाई कल तक के लिए स्थगित

अमित मालवीय ने लोकसभा सचिवालय को किया टैग

उन्होंने लोकसभा सचिवालय को टैग कर लिखा है, 'मौजूदा नियमों के मुताबिक, असदुद्दीन ओवैसी को किसी विदेशी राज्य, यानी फिलिस्तीन के प्रति निष्ठा दिखाने की वजह से उन्हें लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराया जा सकता है।'

बचाव में ओवैसी बोले- 'वे उत्पीड़ित लोग हैं'

इससे पहले ओवैसी ने कहा था, 'अन्य सदस्य भी अलग-अलग चीजें कह रहे हैं....यह गलत कैसे है? मुझे संविधान का प्रावधान बताइए। आपको ये भी सुनना चाहिए कि दूसरे क्या कहते हैं। मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया। पढ़िए कि महात्मा गांधी ने फिलिस्तीन के बारे में क्या कहा था।' जब उन्हें टोका गया कि उन्होंने फिलिस्तीन का नाम लिया है तो वे बोले, 'वे उत्पीड़ित लोग हैं।'


अनुच्छेद 102 अयोग्यता के बारे में क्या कहता है?

संसद के सदस्य को किस आधार पर अयोग्य ठहराया जा सकता है, इसके बारे में संविधान के अनुच्छेद 102 में बताया गया है। कोई व्यक्ति संसद के किसी भी सदन का सदस्य निर्वाचित होने और सदस्य होने के लिए अयोग्य हो जाएगा यदि:

वह भारत सरकार या किसी राज्य के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है, सिवा उस पद के जिसके धारक को अयोग्य न ठहराने के लिए संसद ने विधि द्वारा घोषणा कर रखी है।
वह मानसिक तौर पर अस्वस्थ है और सक्षम न्यायालय ने यह घोषित किया है।
वह एक निर्विवाद दिवालिया है।
वह भारत का नागरिक नहीं है, खुद से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता ले ली है या किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या अनुपालन को स्वीकार करता है।
वह संसद से बने किसी कानून के द्वारा अयोग्य ठहराया गया है।
किसी व्यक्ति को संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य घोषित किया जाएगा, जिसे दलबदल विरोधी अधिनियम के रूप में जाना जाता है, जो सांसदों को किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल होने के लिए अयोग्य घोषित करता है।👇👇👇

बिहार में चलती ट्रेन के अंदर मर्डर, प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या*👇👇👇

बिहार में बेखौफ बदमाशों ने पटना-गया रेलखंड के पोठही और नदवां रेलवे स्टेशन के बीच नीमा हॉल्ट के पास पैसेंजर ट्रेन में जमीन कारोबारी को गोली मार दी. हथियारबंद अपराधियों ने 03263 अप पैसेंजर ट्रेन में इस वारदात को अंजाम दिया है. मृतक की पहचान मसौढ़ी थाना क्षेत्र के दहभत्ता गांव के रहने वाले जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला शर्मा के रूप में हुई है. वहीं, तारेगना रेल पुलिस ने शव को ट्रेन से उतारकर तफ्तीश शुरू कर दी है.

दरअसल, 11 जून को अज्ञात अपराधियों ने जयप्रकाश सिंह उर्फ भोला शर्मा को तीन गोली मारी थी. जिसमें एक गोली हाथ में लगने से वह जख्मी हो गए थे. इसके इलाज के लिए वह पीएमसीएच मे इलाजरत थे. इलाज करवाने के बाद जब वह अपने घर मसौढ़ी वापस लौट रहे थे, तभी घात लगाए हुए अपराधियों ने चलती ट्रेन में नीमा हॉल्ट के पास गले में सटाकर गोली मार दी. गोली लगने से कारोबारी का घटना स्थल पर ही मौत हो गई.

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)