स्मार्टफोन यूजर्स अपने फोन में अनजान कॉल के बारे में जानकारी लेने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें बहुत सारे यूजर्स ट्रू कॉलर का इस्तेमाल करते हैं. थर्ड पार्टी ऐप्स अपनी सुविधाएं देने के लिए इस्टॉल होने के टाइम पर बहुत सारी परमिशन मांगते हैं, जिसमें कॉन्टैक्ट डिटेल, फोन गैलरी, स्पीकर, कैमरा और कॉल हिस्ट्री की जानकारी शामिल होती है. अगर आप इन सभी की परमिशन नहीं देते हैं तो ये थर्ड पार्टी ऐप काम नहीं करते और अगर आप परमिशन दे देते हैं तो आपकी पर्सनल डिटेल लीक होने का डर बना रहता है.
कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन का ट्रायल शुरू
ट्राई ने देशभर में मौजूद सभी दूरसंचार कंपनियों को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर रोलआउट करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद देश में मौजूद मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने इसका ट्रायल शुरू कर दिया है. ट्राई के अनुसार, अगर ये ट्रायल सफल होता है तो कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर देशभर में लागू किया जाएगा. जिसके बाद आपको अननॉन नंबर के बारे में जानकारी करने के लिए किसी भी थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं होगी.
देश के इस राज्य में शुरू हुआ ट्रायल
ट्राई ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर को टेस्ट करने के लिए देश के सबसे छोटे सर्कल का चुनाव किया है. जिसके बाद मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर की टेस्टिंग हरियाणा में शुरू करने जा रही हैं. जानकारी के अनुसार ट्राई के निर्देश के बाद कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन फीचर की टेस्टिंग हरियाणा में इसी महीने शुरू हो जाएगी.
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