वित्त मंत्री ने कहा यदि हम किसी समाज-संस्कृति में उच्चतम आदर्शों की कल्पना करें तो रामराज्य की संकल्पना के बाहर नहीं जाया जा सकता है. समाज में परस्पर सहयोग एवं विश्वास, न्याय आधारित सुशासन, अपराध शून्यता तथा वर्गभेद का पूर्ण अभाव, धर्मानुकूल आचरण को रामराज्य की प्रमुख विशेषताओं के रूप में निरूपित किया जा सकता है.
वित्त मंत्री ने कहा मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का जीवन हजारों वर्षों से भारत और विश्व को महत्तर जीवन आदर्शों की ओर अग्रसर होने को प्रेरित करता रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा पिता के वचन का मान रखने के लिये समस्त राजसी वैभव को निःसंकोच त्याग कर वनवास के लिये प्रस्थान करना और दुष्टों और अधर्मियों का दृढ़तापूर्वक दलन करना ऐसे राजधर्म का अनुपम उदाहरण कहीं और नहीं मिलता.
वित्त मंत्री ने कहा यदि यह कहा जाये कि आज हमारे प्रदेश का शासन कहीं न कहीं रामराज्य की अवधारणा से अनुपे्ररित है और सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक एवं आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर है तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी.
वित्त मंत्री ने कहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के भव्य मन्दिर का अयोध्या में निर्माण होने से हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिला है.
वित्त मंत्री ने कहा अयोध्या विश्व का बहुत बड़ा पर्यटन केन्द्र बन गया है, यहां पर भारत और विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति को बढ़ावा मिलेगा.
वित्त मंत्री ने कहा हमने प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ-सबका विकास‘ नारे को चरितार्थ किया है.साथ ही हमारी नीतियां विशेष रुप से युवा, महिला, किसान व गरीबों के उत्थान को समर्पित हैं.
वित्त मंत्री ने कहा यह तथ्य सभी को ज्ञात है कि हमारे तेजस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में कानून व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है.
वित्त मंत्री ने कहा इसके साथ ही, अवस्थापना और कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार एवं विस्तार के फलस्वरूप वर्ष 2023 में संपन्न ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से 40 लाख करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनसे 1.10 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा.
वित्त मंत्री ने कहा प्रदेश में संगठित अपराध का सफाया हो चुका है और औद्योगिक क्षेत्र तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है.प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 की 96 लाख इकाईया हैं.आज प्रदेश के उद्यमियों द्वारा लगभग 2 लाख करोड़ रूपये का निर्यात किया जा रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’’ की रैंकिंग में प्रदेश जो पहले 14वें स्थान पर हुआ करता था आज देश में दूसरे स्थान पर है.आज उत्तर प्रदेश भारत का अग्रणी विकासशील प्रदेश बन चुका है.
वित्त मंत्री ने कहा हमारी सरकार अब तक लगभग 6 करोड़ व्यक्तियों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रही है.आज प्रदेश में बेरोजगारी की दर केवल 2.4 प्रतिशत रह गई है.
वित्त मंत्री ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा सेमी कन्डक्टर नीति को मंजूरी दी गई है.यह नीति प्रदेश में सेमी कन्डक्टर इकाईयों की स्थापना एवं विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी जिससे देश और विदेश से प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश प्राप्त होगा.ऐसी नीति लाने वाला उत्तर प्रदेश देश का चैथा राज्य बन गया है.
वित्त मंत्री ने कहा लखनऊ में दिल्ली की तर्ज पर एयरो सिटी विकसित किये जाने की योजना है, जो लगभग 1500 एकड़ में विकसित की जायेगी.इसमें 7 सितारा होटल, पार्क, विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर जैसी सुविधायें उपलब्ध होंगी.
वित्त मंत्री ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा हीरो फ्यूचर एनर्जीज के साथ 4 हजार करोड़ रूपये के निवेश का एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया है जिसके अन्तर्गत संस्था द्वारा प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा एवं क्लीन टेक्नोलाॅजी परियोजना में निवेश किया जायेगा.
वित्त मंत्री ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा हैदराबाद में फार्मा काॅन्क्लेव का सफल आयोजन किया गया जिसके परिणामस्वरूप बड़ी फार्मा कम्पनियों द्वारा उत्तर प्रदेश में निवेश करने में रूचि दिखाई जा रही है.हैदराबाद में आयोजित विंग्स इण्डिया एवार्ड-2024 में उत्तर प्रदेश को स्टेट चैम्पियन इन एवियेशन पुरस्कार से सम्मानित किया गया . उत्तर प्रदेश आर्थिक-सामाजिक विकास के हर क्षेत्र में नई ऊचाईयों को प्राप्त कर रहा है.हमने इस नैरेटिव को सिरे से खारिज कर दिया कि उत्तर प्रदेश एक बीमारू प्रदेश है.
हमने प्रदेश की जनता में, प्रदेश की मेधा में अपार सम्भावनाओं को देखा और बड़े आत्मविश्वास के साथ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकासगाथा की रचना की है-
हौसले दिल में जब मचलते हैं,
आँधियों में चिराग जलते हैं.
किसान
किसानों पर एलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा डार्क जोन में नये निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है जिससे लगभग एक लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ.
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एकल रबी फसल की सिंचाई हेतु सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा प्रदान की गयी.
वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक लगभग 37 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कराया गया.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 2022-2023 के लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को माह अक्टूबर, 2023 तक 831 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत दिसम्बर, 2023 तक लगभग 63,000 करोड़ रूपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से 2 करोड़ 62 लाख कृषकों के खातों मेंहस्तान्तरित की गयी.
प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पुरूष एवं महिला दोनों के लिए 3000 रूपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है.
वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से 29 जनवरी, 2024 तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को 2 लाख 33 हजार 793 करोड़ रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया.यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 2 लाख 1 हजार 519 करोड़ रूपये से भी 20,274 करोड़ रूपये अधिक है.
पेराई सत्र 2023-2024 के लिये गन्ने की अगैती प्रजाति का मूल्य 350 रूपये से बढ़ाकर 370 रूपये, सामान्य प्रजाति का 340 रूपये से बढ़ाकर 360 रूपये तथा अनुपयुक्त प्रजाति का मूल्य 335 रूपये से बढ़ाकर 355 रूपये प्रति कुन्तल हो गया है.
महिला एवं बाल विकास
निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि 500 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रूपये प्रतिमाह कर दी गयी है.योजना में 2023-2024 में तृतीय तिमाही तक 31 लाख 28 हजार निराश्रित महिलाओं को लाभान्वित किया गया.
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत पात्र बालिकाओं को 6 विभिन्न श्रेणियों में कुल 15000 रूपये की सहायता प्रदान की जा रही है.वित्तीय वर्ष 2019-2020 से 2023-2024 तक 17.82 लाख लाभार्थियों को इस योजना से लाभान्वित किया जा चुका है.
महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 200 उत्पादक समूहों का गठन करके तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाना लक्षित है.
उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अन्तर्गत जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को कोष के अन्तर्गत 1 लाख रूपये से 10 लाख रूपये की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था है.
प्रदेश के 117 विकास खण्डों में 124 ग्रामीण स्टेडियम/ मल्टीपरपज हाॅल का निर्माण किया गया है.
प्रदेश की ग्राम पंचायतों में 53,800 युवक मंगल दल एवं 51,300 महिला मंगल दलों का गठन किया जा चुका है.इन दलों के माध्यम से युवाओं की सहभागिता राष्ट्रीय एवं सामाजिक महत्व के कार्यों में सुनिश्चित कराई गई है.
कर्नाटक में 12 से 16 जनवरी, 2023 तक आयोजित 26वें राष्ट्रीय युवा उत्सव में उत्तर प्रदेश के लोकगीत की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक अर्जित किया.
रोेजगार
एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत अब तक 22 लाख 389 लाभार्थियों को लाभान्वित करते हुये 1,79,112 रोजगार सृजित किये गये.
एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजना के अन्तर्गत 13,597 लाभार्थियों के माध्यम से 1,92,193 रोजगार सृजित हुये.
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद कौशल उन्नयन एवं टूलकिट योजना के अन्तर्गत लगभग 4.08 लाख रोजगार सृजित हुये.
ए0के0टी0यू0 से संबद्ध लगभग 700 से अधिक संस्थानों के छात्रों के लिये लगभग 25 हजार रोजगार के अवसर पिछले शैक्षिक सत्र में उपलब्ध कराये गये .
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत 12.15 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया जिनमें से 4.13 लाख युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में सेवायोजित कराया गया.
महात्मा गाँधी नरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 28 करोड़ 68 लाख मानव दिवस सृजित कराते हुये 75 लाख 24 हजार श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 33 करोड़ मानव दिवस का सृजन किये जाने का लक्ष्य है.
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक 408 लाभार्थियों को 1854.88 लाख पॅूंजीगत निवेश ऋण के साथ 7418 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया.
सामाजिक सुरक्षा
प्रदेश के लगभग 55 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से प्रदान की जा रही है.
सभी वर्गों की पुत्रियों की शादी हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत एक जोडे़ के विवाह पर 51,000 रूपये अनुदान की व्यवस्था है.वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 1,00,874 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराते हुये 510 करोड़ रूपये का व्यय किया गया.
श्रमिक कल्याण
भारत सरकार द्वारा निर्मित ‘‘ई-श्रम’’ पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के लगभग 8.32 करोड़ कामगारों का पंजीकरण हुआ है जो देश में सर्वाधिक है.
दिनांक 26 अगस्त, 2021 से 31 अक्टूबर, 2021 तक ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 80.11 लाख श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता के अन्तर्गत 2 हजार रूपये की दर से लगभग 1600 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया.
निर्माण कामगार मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना तथा निर्माण कामगार अन्त्येष्टि सहायता योजना को एकीकृत करते हुये नयी योजना ‘‘निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना’’ कर दिया गया है.समस्त योजनाओं में माह नवम्बर, 2023 तक 40,183 कामगारों को लाभान्वित किया गया तथा 433 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की गई.
निर्माण कामगार गम्भीर बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में कराने पर इलाज के व्यय की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति करायी जा रही है.
वित्तीय समावेशन
प्रदेश की जनता को वर्तमान में बैंकों की 19,705 शाखाओं, 2,28,544 बैंक मित्र एवं बी0सी0 सखी तथा 17,852 ए0टी0एम0 के माध्यम से बैकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 9 करोड़ खातों के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है.
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 5 करोड़ 54 लाख नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है.
प्रधानमंत्रीवन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1.90 करोड़ के नामांकन साथ उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर है.
अटल पेंशन योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख नामांकन का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है.
औद्योगिक विकास
विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है.राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों में मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपने माल के परिवहन में सुविधा उपलब्ध होगी जिससे प्रदेश से निर्यात बढ़ेगा.
महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोकार्पण से प्रदेश में चार अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हैं तथा शीघ्र ही नोएडा के जेवर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रारम्भ होने वाला है.इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पाँच अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला भारत का एकमात्र राज्य बन जाएगा.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैकिंग एवं विभिन्न राज्यों में लाॅजिस्टिक्स की सुलभता (लीड्स-2023) रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने ‘‘अचीवर्स’’ की श्रेणी प्राप्त की है.
चिकित्सा क्षेत्र
राज्य सरकार के प्रयासों से मातृ मुत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से कम होकर वर्ष 2022 में 167 प्रति लाख तथा शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से कम होकर वर्ष, 2020 में 38 प्रति हजार हो गयी है.
वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2023 में ए0ई0एस0 (एक्यूट इन्सिफेलाइटिस सिन्ड्रोम) रोगियों की संख्या में 76 प्रतिशत तथा मृत्यु दर में 98 प्रतिशत की कमी एवं जे0ई0 (जापानी इन्सिफेलाइटिस) के रोगियों की संख्या में 85 प्रतिशत तथा मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है.
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में एम0बी0बी0एस0 की सीटों की संख्या 1840 से बढ़कर कर 3828 हो गयी है तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर 5250 हो गयी है.इस प्रकार कुल 9078 सीटें उपलब्ध हो गयी हैं.
सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में पी0जी0 सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1543 तथा निजी क्षेत्र के संस्थानों में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर 1775 हो गयी है.इस प्रकार पी0जी0 की कुल 3318 सीटें उपलब्ध हो गयी हंै.
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत 4 करोड़ 86 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड वितरित किये गये है.लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है.
वर्ष 2007 से 2017 तक की 10 वर्ष की अवधि में मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 60,970 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता के रूप में 638 करोड़ 26 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के कार्यकाल में वर्ष 2017 से अद्यावधिक अर्थात 07 वर्ष से भी कम अवधि में 1,61,962 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता हेतु 2,765 करोड़ रूपये स्वीकृत किये जा चुके हैं जो अपने आप में एक कीर्तिमान है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस प्रकार प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हुआ है और बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्डों का वितरण किया गया है, वह अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय मिसाल के रूप में हमारे समक्ष है.आम आदमी क्या सोचता है:-
मुक्त हूँ कर्तव्य की चिन्ताओं से, दर्द से दुःख से मुझे आराम है.
हर किसी के वास्ते हर वस्तु है, यह हमारे ऐश्वर्य का पैगाम है..
कानून व्यवस्था
सरकार प्रदेशवासियों को अपराध एवं भयमुक्त वातावरण देकर रामराज्य की संकल्पना को साकार करने में पूरी तरह सफल रही है.
विविध त्यौहारों एवं यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023, आजादी का अमृत महोत्सव, जी-20 सम्मेलन, क्रिकेट विश्व कप-2023 जैसे वृहद आयोजनों को शान्तिपूर्ण एवं सुरक्षित ढंग से सम्पन्न कराया गया.
अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किये गये प्रबन्धों की सराहना देश-दुनिया से आये अतिथियों ने की .
वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2023 में डकैती के मामलों में 87 प्रतिशत, लूट में 76 प्रतिशत, हत्या में 43 प्रतिशत, बलवा में 65 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण में 73 प्रतिशत की कमी हुई है.
ऑपरेशन त्रिनेत्र के अन्तर्गत 8,54,634 सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन किया जा चुका है.
अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2024 तक पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर 1,55,830 भर्तियाँ तथा 1,41,866 पदोन्नतियाँ की गयी हैं.
महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा हेतु सेफ सिटी परियोजना में महत्वपूर्ण स्थलों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरों की स्थापना, इण्टीगे्रशन, डार्क स्पाॅट्स का चिन्हीकरण एवं लाइट्स लगाना, हाॅट प्वाइण्ट्स को चिन्हित करने, पिंक बूथों की स्थापना तथा बस/टैक्सियों में पैनिक बटन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.
03 महिला पीएसी बटालियन जनपद लखनऊ, गोरखपुर एवं बदायूं में स्थापित हैं.जनपद बलरामपुर, जालौन, मिर्जापुर, शामली तथा बिजनौर में 05 अन्य पी0ए0सी0 बटालियन स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है.
उत्तर प्रदेश स्पेशल सेक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियाँ गठित की गयी हैं.
महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण हेतु 1,699 एण्टी रोमियों स्क्वाॅयड का गठन कर अनवरत अभियान चलाया जा रहा है.
समस्त थानों में साइबर क्राइम सेल गठित किया गया है.वर्तमान में सभी 75 जनपदों में साइबर क्राइम थाना संचालित है.
होमगार्ड स्वयंसेवकों की मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को 05 लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाती है.दुर्घटना बीमा योजनान्तर्गत, होमगार्ड्स को 30 लाख रूपये की बीमा सुविधा प्रदान की गयी है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 मंे 7350 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर केयर यूनिट, इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना आदि कार्यों हेतु 952 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 322 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
पं0 दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अन्तर्गत आबद्ध निजी चिकित्सालयों में कैशलेस उपचार की व्यवस्था की गयी है जिस पर कुल 150 करोड़ रूपये का व्यय भार अनुमानित है, जिसका पूर्ण वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है.
चिकित्सा शिक्षा
प्रदेश में 65 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित है.
वर्तमान में 45 जनपद मेडिकल काॅलेजों से आच्छादित किये जा चुके हैं व 14 जनपदों में केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल काॅलेज निमाणाधीन हैं.16 असेवित जनपदों में निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल काॅलेज स्थापित किया जाना प्रस्तावित है.
राजकीय क्षेत्र में बीएससी नर्सिग काॅलेजों की संख्या 06 से बढ़ाकर 23 की गयी.
जनपद वाराणसी में मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराये जाने का निर्णय लिया गया है इसके लिये 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
असाध्य रोगों की मुफ्त चिकित्सा सुविधा हेतु 125 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
राजकीय मेडिकल काॅलेजों में ट्रॉमा सेन्टर लेवल-द्वितीय को ट्रामा सेन्टर लेवल-एक ( 100 बेडेड)/ एपेक्स ट्रामा सेन्टर (200 बेडेड) में उच्चीकृत किये जाने हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
आयुष
आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में 1600 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर स्थापित किया जाना लक्षित है तथा 1035 राजकीय आयुर्वेदिक होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सालयों को हेल्थ वेलनेस सेन्टर्स में परिवर्तित किया जा रहा है.
प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथी चिकित्सालयों के साथ ही 08 आयुर्वेदिक, 02 यूनानी तथा 09 होम्योपैथी कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय क्रियाशील हैं.
वित्तीय वर्ष 2024-2025 में आयुष विभाग के अन्तर्गत प्रमुख रूप से महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किये जाने, जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है.
राजकीय आयुष महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में औषधियों की समुचित व्यवस्था तथा 50 बेडेड एकीकृत आयुष चिकित्सालय 11 जनपदों में स्थापित है तथा 6 जनपदों में भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है.
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एक नये औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) का गठन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अनुरूप बुन्देलखण्ड क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक और आवासीय टाउनशिप विकसित करने की योजना है.
सेमी कंडक्टर, डाटा सेन्टर, स्टार्टअप एवं आईटी सेक्टर्स से संबंधित विशेष योजना के साथ ही वर्ष 2022 मंे इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिये नीति भी लागू की गई है.
प्रदेश में डिफेंस काॅरीडोर में बड़े पैमाने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है.डिफेंस काॅरीडोर के 6 नोड्स में से 3 नोड्स का आवंटन पूर्ण हो चुका है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में एफडीआई, फाॅच्र्यून ग्लोबल 500 और फाॅच्र्यून इंडिया 500 कम्पनियों के निवेश को आकर्षित करने के लिये फाॅरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट एवं फाॅच्र्यून 500 कम्पनियांें के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति-2023 घोषित की है.
किसी भी राज्य द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित करने का यह अपनी तरह का पहला प्रयास है.नीति के क्रियान्वयन हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण हेतु 4000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.वर्तमान वर्ष में 25 लाख से अधिक टैबलेट/स्मार्टफोन बाटे गये है यह प्रक्रिया गतिमान है.
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना हेतु 2057 करोड़ 76 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है.
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने हेतु नये लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
अटल इण्डस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 33 प्रतिशत अधिक है.
अवस्थापना और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश एक अग्रणी प्रदेश के रूप में उभरा है.अपराध पर लगाम लगी है, अपराधियों का प्रदेश से सफाया हो चुका है.
आज से 07 वर्ष पूर्व कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि उत्तर प्रदेश इतनी तीव्र गति से ऐसा मुकाम हासिल कर पायेगा.यहाँ दो पंक्तियाँ प्रस्तुत है-
पैदा नजर-नजर में एक ऐसा मुकाम कर,
दुनिया सफर करे तेरे दामन को थाम कर.
सड़क एवं सेतु
राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण कार्यों हेतु 2881 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रूपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
औद्योगिक/लाॅजिस्टिक पार्क हेतु 04 लेन मार्गो के चैड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण/निर्माण कार्य हेतु 800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों का चौड़ीकरण एवं सदृढ़ीकरण/नवनिर्माण/पुर्ननिर्माण कार्यों हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
रेलवे उपरिगामी/अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1350 करोड़ रूपये एवं ग्रामीण सेतुओं हेतु 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
शहरों एवं कस्बों में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए शहरों में फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1000 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है.
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग
हमारी सरकार द्वारा 31 सिंचाई परियोजनायें पूर्ण की गयी जिससे 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता सृजित हुई जिसका लाभ 46 लाख 69 हजार कृषकों को प्राप्त हुआ.
विभिन्न जनपदों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है. इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनस्र्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित हांेगे.
नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है.
नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं (नाबार्ड पोषित) के लिए 1530 करोड़ 60 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है.
डार्क जोन के असफल 569 नलकूपो के लिये 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है.
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति
जल जीवन मिशन हेतु 22,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिसमें 2000 करोड़ रूपये की धनराशि अनुरक्षण मद हेतु है.
मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1020 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
वर्षा जल संचयन एवं भू-जल संवर्द्धन योजना हेतु 80 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 51 प्रतिशत अधिक है.
ग्राउण्ड वाॅटर रीचार्जिंग एवं चेकडैम निर्माण हेतु 65 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है.
नागरिक उड्डयन
प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं. इस उद्देश्य की पूर्ति भारत सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस-‘उड़ान‘) तथा राज्य सरकार की ‘‘उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति‘‘ के माध्यम से की जा रही है.
गत वित्तीय वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में वायुयान द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में 19.2 प्रतिशत की वृद्वि हुई है.
हवाई कनेक्टिविटी के लिए चयनित एयरपोर्ट्स यथा अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती तथा चित्रकूट को विकसित किया जा चुका है तथा म्योरपुर (सोनभद्र) व सरसावा (सहारनपुर) एयरपोर्ट्स का विकास कार्य प्रशस्त है.
अयोध्या में ‘महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम‘ का विकास कराया गया है. अयोध्या में एयरपोर्ट की स्थापना एवं विस्तार हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण तथा भूमि अर्जन हेतु भूमि क्रय मद में 1100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
जनपद-गौतमबुद्व नगर के जेवर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना कार्य एवं भूमि क्रय हेतु 1150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
ऊर्जा
वर्ष 2023-2024 में अप्रैल से दिसम्बर तक जनपद मुख्यालय पर 24 घन्टे, तहसील मुख्यालय पर 21ः34 घन्टे और ग्रामीण क्षेत्र में 18ः09 घन्टे विद्युत आपूर्ति की गयी.
वर्ष 2017-18 से 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किये जा चुके हैं.
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निःशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी. इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए.
पारेषण तंत्र की कुल क्षमता जो वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाॅट थी, को वर्ष 2022-2023 में बढ़ाकर 28,900 मेगावाॅट तक किया गया हैै जिसे वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक बढ़ाकर 31,500 मेगावाॅट तक किया जाना लक्षित है.
भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु 4000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पार्क का विकास किया जाना नियोजित है.
वर्ष 2016-2017 मंे उत्पादन निगम लिमिटेड की इकाईयों का कुल विद्युत उत्पादन 33,556 मिलियन यूनिट था जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 39,746 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया है.
ग्रीष्मकाल में अनवरत विद्युत आपूर्ति हेतु 2000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है.
निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है.
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत
उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी 5 वर्षो में 22000 मेगावाॅट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश में वर्ष 2017 में 288 मेगावाॅट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थी जो अब लगभग 2600 मेगावाॅट है.
प्रदेश में अब तक 328 मेगावाॅट की सोलर रूफटाॅप परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है.
अयोध्या एवं वाराणसी शहर को माॅडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु अब तक लगभग 3.35 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है.
पी0एम0 कुसुम घटक सी-1 के अन्तर्गत निजी आॅनग्रिड पम्पों के सोलराईजेशन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुना है.
उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है.
आवास एवं शहरी नियोजन
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन के अन्तर्गत टाउनशिप विकसित किये जाने हेतु वर्ष 2024-2025 के बजट में 3000 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ काॅरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 914 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 395 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
आगरा मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 346 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
अयोध्या के सर्वांगीण विकास हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नगर विकास
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2007 से 2017 तक प्रदेश में मात्र 2.51 लाख मकान निर्मित किये गये जबकि वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में लगभग 17.65 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल लगभग 35,236 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तान्तरित की गयी है. योजना हेतु लगभग 3948 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
वर्ष 2021 में प्रारम्भ की गयी अमृत 2.0 योजना हेतु 4500 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
महाकुम्भ मेला 2025 का भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किये जाने हेतु 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रूपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 60 प्रतिशत अधिक है.
प्रदेश के शहरों को बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्ति हेतु अर्बन फ्लड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना प्रारम्भ की गयी जिस के लिये 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना हेतु 675 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है.
नगरीय सेवायें और अवस्थापना विकास की नई योजना हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
राज्य स्मार्ट सिटी योजना हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 63 प्रतिशत अधिक है.
कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 400 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है.
नियोजन
त्वरित आर्थिक विकास योजना हेतु 2400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
जनपदों की स्थानीय आवश्यकताओं की तात्कालिकता को देखते हुए विभिन्न विकास कार्यों के क्रिटिकल गैप्स की पूर्ति हेतु क्रिटिकल गैप्स योजना के अन्तर्गत 95 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है.
पूर्वांचल विकास निधि हेतु 575 करोड़ रूपये एवं बुन्देखण्ड विकास निधि हेतु 425 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
ग्राम्य विकास
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2016 में मात्र 1.40 लाख आवास स्वीकृत किये गये थे जबकि हमारी सरकार द्वारा अब तक 36 लाख 15 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं जिनमें से 34 लाख 14 हजार आवास पूर्ण किये जा चुके हैं और शेष निर्माणाधीन है. योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 2441 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-2019 से 2023-2024 तक अद्यावधिक 02 लाख 03 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है. योजना हेतु 1140 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
विधान मण्डल क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में विकास कार्यों के लिये 2520 करोड़ रूपये (जी0एस0टी0सहित) की व्यवस्था प्रस्तावित है.
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन हेतु लगभग 5060 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन हेतु लगभग 3695 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 3668 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
पंचायती राज
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) हेतु 4867 करोड़ 39 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है.
बहुउद्देशीय पंचायत भवनों के निर्माण हेतु लगभग 57 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
उत्तर प्रदेश मातृ भूमि योजना हेतु 33 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है.
ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपेन जिम के निर्माण हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले व्यक्तियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने तथा प्रदेश में सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत शौचालयों का वृहद पैमाने पर निर्माण कर प्रदेश को ओ0डी0एफ0 करने में उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है.
आँख का हर अश्रु कण हंसने लगा है,
ढ़ल गयी है आह भी संगीत में,
जगमगाता है हृदय का अंधकार,
कष्ट परिवर्तित हुए हैं गीत में.
कृषि
उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं अपितु सरप्लस राज्य के रूप में देश में अपना स्थान बनाये हुए है.
प्रदेश में कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 241.70 लाख हेक्टेयर है, जिसमें 160.95 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है. प्रदेश में कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.1 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है.
कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 2400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है.
पी0एम0 कुसुम योजना के क्रियान्वयन हेतु 449 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है.
कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से तीन नई योजनायें प्रारम्भ की जा रही है, यथा- राज्य कृषि विकास योजना, विश्व बैंक सहायतित यू0पी0 एग्रीज योजना तथा प्रदेश के विकास खण्डों एवं ग्राम पंचायतों में आॅटोमैटिक वेदर स्टेशन- आॅटोमैटिक रेन गेज की स्थापना. इन योजनाओं हेतु क्रमशः 200 करोड़ रूपये, 200 करोड़ रूपये एवं 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना प्रारम्भ की जा रही है जिसके लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण
उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के अन्तर्गत पात्र इकाईयों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किये जाने हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में तीन गुनी है.
उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2017 के अन्तर्गत 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है.
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग
प्रदेश में औसत गन्ना उत्पादकता 72 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 84 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है. गन्ने के साथ सहफसली खेती का आच्छादन बढ़ने से कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुई.
वर्तमान पेराई सत्र 2023-2024 में 29.66 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती तथा चीनी का उत्पादन 110 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है.
किसान सहकारी चीनी मिल, ननौता, जनपद सहारनपुर की कार्यक्षमता सुधार, सहकारी चीनी मिल लिमिटेड, गजरौला, जनपद अमरोहा की पेराई क्षमता 2500 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 4900 टी.सी.डी. करने तथा सल्फरलेस रिफाइण्ड शुगर का उत्पादन करते हुये एक लाख लीटर प्रतिदिन एथनाॅल उत्पादन क्षमता की आसवनी एवं कम्पे्रस्ड बायो गैस प्लाण्ट की स्थापना का कार्य प्रगति पर है.
पिपराईच एवं मुण्डेरवा में स्थापित 5000 टी.सी.डी. क्षमता की नई चीनी मिलों में 27 मेगावाॅट के बिजली उत्पादन संयंत्र तथा सल्फरलेस शुगर प्लाण्ट की स्थापना भी की गयी है.
कृषि शिक्षा एवं अनुसन्धान
नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय गोण्डा का संचालन शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से करते हुए पठन-पाठन कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है.
कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में विभिन्न नये कार्यों हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
दुग्ध विकास
दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 106 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना हेतु 74 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है.
उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को प्रोत्साहन स्वीकृत किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
जनपद मथुरा मंे 30 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता (विस्तारीकरण 01 लाख लीटर प्रतिदिन) के नवीन डेरी प्लान्ट के निर्माण हेतु 23 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
पशुपालन
गो संरक्षण एवं निराश्रित/बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 303 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र संचालित हंै.
प्रदेश में लगभग 7,239 गोवंश आश्रय स्थल संचालित है. इन आश्रय स्थलों में शहरी तथा ग्रामीण अंचलों में कुल 14 लाख 38 हजार गोवंशीय पशु संरक्षित किये गये हैं.
पशुरोग नियंत्रण योजना हेतु 195 करोड़ 94 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है.
जनपद गोरखपुर एवं भदोही में पशुचिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
जोखिम प्रबंधन एवं पशुधन बीमा योजना हेतु 78 करोड़ 55 लाख रूपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना है.
मत्स्य
प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाये जाने के दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक संचालित है.
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत एक्वा पार्क के निर्माण की नयी योजना हेतु 190 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत पुरूष एवं महिला लाभार्थियों को आच्छादित किये जाने हेतु कुल 310 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
सहकारिता
वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 8,787 करोड़ रूपये का अल्पकालिक ऋण वितरित किया गया जिसका लाभ 14.35 लाख कृषकों को प्राप्त हुआ.
वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 257 करोड़ रूपये का दीर्घकालिक ऋण वितरित किया गया.
प्रारम्भिक सहकारी ऋण समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
भण्डारण योजना के अन्तर्गत पैक्स के गोदामों के सुदृढ़ीकरण एवं मरम्मत हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
खाद्य एवं रसद
रबी विपणन वर्ष 2023-24 हेतु भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 2125 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया. प्रदेश में 54,684 कृषकों से 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूँ क्रय किया गया, जिसके सापेक्ष कृषकों के बैंक खातों में लगभग 466 करोड 35 लाख रूपये का सीधे भुगतान किया गया.
खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य काॅमन श्रेणी हेतु 2183 रूपये प्रति कुन्तल एवं ग्रेड-ए श्रेणी हेतु 2203 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया. अद्यतन लगभग 7.50 लाख कृषकों से 50.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीद की गयी जिसके सापेक्ष कृषकों के बैंक खातों में 10,856 करोड़ रूपये का सीधे भुगतान किया गया.
खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मक्का, बाजरा तथा ज्वार के लिये भी भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये गये. प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करते हुये किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान किया गया.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2023-2024 में 56 लाख से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क गैस सिलिन्डर वितरित किये गये हैं. अन्न पूर्ति योजना हेतु 17,661 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
निःशुल्क खाद्यान्न एवं उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलिन्डर रीफिंल उपलब्ध कराये जाने हेतु 2200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’’ प्रारम्भ किया जा रहा है जिसके लिये 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना जो 2023 से संचालित है में अधिकतम 5 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता सूक्ष्म उद्यमियों को दिये जाने की व्यवस्था है.
निजी क्षेत्र में औद्योगिक संस्थानों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश में 10 प्लेज पार्क स्थापित किये जा रहे हैं.
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग
वित्तीय वर्ष 2024-2025 में वस्त्रोद्योग के क्षेत्र में 40,000 रोजगार सृजन का लक्ष्य है. प्रदेश में टेक्सटाइल्स के नये हब बनाकर निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जायेगा.
प्रदेश सरकार द्वारा हथकरघा बुनकरों के साथ-साथ पावरलूम बुनकरों के उत्थान के लिये अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना हेतु 400 करोड़ रूपये का बजट प्रस्ताव है.
पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल्स एण्ड अपैरल योजना के अन्तर्गत लखनऊ-हरदोई में लगभग 1000 एकड़ क्षेत्रफल में मेगा टेक्सटाइल पार्क स्वीकृत किया गया है. यह पार्क टेक्सटाइल एवं परिधान क्षेत्र मंें दस से पन्द्रह हजार करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित करेगा जिससे लगभग 1 लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. पार्क की स्थापना हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
जनपद वाराणसी में नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलाजी (निफ्ट) की स्थापना के लिये भूमि क्रय हेतु 150 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है.
खादी एवं ग्रामोद्योग
पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजनान्तर्गत लाभार्थियों को ब्याज उपादान की सुविधा 3 वर्षों तक दिये जाने का प्राविधान है. योजना हेतु 14 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सत्त रोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत 15 करोड़ 75 लाख की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रदेश में माटी कला के परम्परागत कारीगरों को रोजगार से जोड़ने हेतु माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम के लिये 11 करोड़ 25 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
आई.टी. एवं इलेक्ट्राॅनिक्स
उत्तर प्रदेश डाटा सेन्टर नीति-2021 के अन्तर्गत 03 अत्याधुनिक निजी डाटा सेन्टर पाक्र्स विकसित करने तथा राज्य में 250 मेगावाॅट डाटा सेन्टर उद्योग का विकास किये जाने का लक्ष्य था.
नीति को अधिक युक्तिसंगत बनाते हुये 08 डेटा सेन्टर स्थापित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें प्रदेश में 30,000 करोड़ रूपये के अनुमानित निवेश से 900 मेगावाॅट क्षमता के सृजन का लक्ष्य रखा गया है.
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति-2017 के तहत 20,000 करोड़ रूपये से अधिक निवेश का लक्ष्य प्राप्त किया गया तथा लगभग 3 लाख रोजगार सृजित हुये.
सरकार द्वारा अधिसूचित नई इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति-2020 के अन्तर्गत 40,000 करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित करने तथा राज्य में 03 सेण्टर आॅफ एक्सीलेन्स की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट- 2023 में इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण क्षेत्र के 210 सम्भावित निवेशकों से लगभग 3867 करोड़ रूपये के निवेश और लगभग 2.15 लाख व्यक्तियों हेतु रोजगार सम्भावनाओं युक्त अभिरूचियाँ प्राप्त हुई है.
माध्यमिक शिक्षा
वर्ष 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से संतृप्त किये जाने एवं प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास तथा आई.सी.टी. लैब की व्यवस्था किये जाने हेतु समग्र शिक्षा योजना के अन्तर्गत 516.64 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नवीन राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु 10.46 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन हेतु 4 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
उच्च शिक्षा
विन्ध्याचल धाम मण्डल में माँ विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मण्डल मे एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन मण्डल में माँ पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिये 51.20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
शिक्षा को प्रोत्साहित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजनान्तर्गत 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किये जाने हेतु 55 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्राविधिक शिक्षा
प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 169 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. 75 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन/अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पी0पी0पी0 मोड पर संचालित किया जाना है.
वर्तमान में 1874 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.
ए0के0टी0यू0 द्वारा उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप पालिसी-2020 के अन्तर्गत विश्वविद्यालय परिसर में सेन्टर आॅफ एडवांस स्टडीज के अन्तर्गत एक इनोवेशन हब की स्थापना की गयी है जिसके अन्तर्गत 15 इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित है. उक्त के साथ-साथ 265 स्टार्ट अप्स आॅन बोर्ड हो गये हंै.
व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास
हमारी सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था हेतु 01 ट्रिलियन डाॅलर के लक्ष्य को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया है. वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजनान्तर्गत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था है.
युवाओं को दीर्घकालीन व अल्पकालीन रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन तथा असेवित क्षेत्रों में नवीन केन्द्रों की निजी संस्थाओं की भागीदारी के साथ स्थापना भी की जा रही है.
उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम- बी0बी0ए0 (रिटेल), बी0बी0ए0 (लाॅजिस्टिक), बी0बी0ए0 (हेल्थकेयर) एवं बी0बी0ए0 (टूरिज्म व हाॅस्पिटैलिटी) के लिये 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है.
व्यावसायिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिये कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिये व्यावहारिक या वोकेशनल ओरियेंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर वित्तीय वर्ष 2024-2025 में व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण हतु विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स माॅडल के रूप में विकसित करते हुये स्थानीय मांग एवं ओ0डी0ओ0पी0 के अनुरूप अधिकाधिक विद्यार्थियों को जाॅब रोल/सेक्टर में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क एवं नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किये जाने की योजना है.
इसमें राष्ट्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यू0पी0 बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कम्प्यूटर शिक्षा में प्रमाण-पत्र प्रदत्त किये जाने पर बल दिया जायेगा.
विद्यार्थियों को प्राप्त किये जाने वाले कौशल प्रशिक्षण के क्रेडिट उनके क्रेडिट बैंक में सम्मिलित किया जायेगा. इससे विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त होगा.
टाटा टेक्नोलोजीज लिमिटेड की सहभागिता से प्रदेश के राजकीय क्षेत्र के 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा कक्षों का निर्माण अन्तिम चरण में गतिमान है.
प्रदेश के अन्य ऐसे अवशेष 69 संस्थान जहाॅ कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है का उन्नयन वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
खेल
आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों में अध्ययनरत खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता के दृष्टिगत 50 अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को मानदेय 1.50 लाख रूपये प्रतिमाह पर प्रशिक्षण हेतु आबद्ध किये जाने की व्यवस्था की गयी है.
विभिन्न जनपदों में खेल अवस्थापनाओं के विकास हेतु 195 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 67 प्रतिशत अधिक है.
प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
स्पोर्टस साइन्स एण्ड इन्जरी सेन्टर की स्थापना हेतु 12 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
धमार्थ कार्य
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी तक के मार्ग के विस्तारीकरण/सौन्दर्यीकरण के पश्चात श्रद्धालुओं की संख्या में 4 से 5 गुना वृद्धि हुई है.
जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के दृष्टिगत पर्यटकांे एवं श्रद्धालुओं की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 03 पहुंच मार्गों का चैड़ीकरण/सौन्दर्यीकरण का कार्य एवं 6 स्थानों पर पार्किग तथा जन सुविधाओं का विकास कार्य किया जा रहा है.
जनपद मिर्जापुर में विन्ध्याचल स्थित त्रिकोणीय क्षेत्र में माँ विन्ध्यवासिनी मंदिर, माँ अष्टभुजा मंदिर, माँ कालीखोह मंदिर को जोड़ने वाले त्रिकोण संरेखण में आने वाले परिक्रमा मार्गों एवं जन सुविधाओं के उन्नयन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.
संस्कृति
महाकुम्भ, 2025 के अन्तर्गत विभिन्न कार्यो हेतु 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
निषाद राज गुहा सांस्कृतिक केन्द्र, श्रृंगवेरपुर की स्थापना हेतु 14.68 करोड़ रूपये, जनपद आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय की स्थापना हेतु 11.79 करोड़ रूपये तथा महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केन्द्र चित्रकूट की स्थापना हेतु 10.53 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या हेतु 10 करोड़ रूपये प्रस्तावित है.
पर्यटन
उत्तर प्रदेश में वर्ष-2023 में जनवरी से अक्टूबर तक 37 करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक आए, जिनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 37 करोड़ 77 लाख एवं विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 13 लाख 43 हजार है.
प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया. इस अवसर पर राम की पैड़ी पर 22 लाख 23 हजार दीप जलाकर गिनीज वल्र्ड रिकार्ड बनाया गया.
अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, लखनऊ, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम, गढ़मुक्तेश्वर, शुकतीर्थ धाम, माँ शाकुम्भरी देवी, सारनाथ एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं.
‘‘मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना‘‘ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना है.
भारत की संस्कृति धार्मिक, बौद्धिक, वैज्ञानिक रूप से अत्यन्त समृद्ध रही है. दुनिया के लिये यह एक आश्चर्य का विषय रहा है कि इतनी प्राचीन संस्कृति संदियों तक बाहरी आक्रमणों के बावजूद किस प्रकार अभी भी अविच्छिन्न बनी हुई है. यह उनके लिये आश्चर्य का विषय हो सकता है परन्तु हमारे लिये यह जीवनशैली है.
पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारे सांस्कृतिक धरोहरों की अनदेखी की परन्तु प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमारी सांस्कृतिक धारा अधिक प्रवाहमयी हो रही है-
यूनान, मिश्र, रोमा सब मिट गए जहाँ से,
अब तक मगर है बाकी नामों-निशां हमारा..
वन एवं पर्यावरण
राज्य सरकार प्रदेश में हरीतिमा वृद्धि हेतु सतत् प्रयासरत है. वर्तमान में उ0प्र0 में वनावरण एवं वृक्षावरण प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.23 प्रतिशत है. वर्ष 2030 तक वनावरण एवं वृक्षावरण 15 प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य है.
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश में हरीतिमा विस्तार हेतु प्रदेश में वृहद स्तर पर 35 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 36.16 करोड़ पौधारोपण का कार्य कराया गया. वर्षाकाल-2024 में 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है.
सामाजिक वानिकीकरण योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
पौधशाला प्रबन्धन योजना हेतु 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
ग्रीन इण्डिया मिशन के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों हेतु 110 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रोजेक्ट टाइगर एण्ड प्रोजेक्ट एलीफेन्ट योजना हेतु 48.94 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
जनपद लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में कुकरैल नाइट सफारी पार्क की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
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