पिछले साल भी वह 12वीं में फेल हो गया था। अदवित माता-पिता का इकलौता बेटा था। अदवित सेंट्रल बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेंडरी (सीबीएसई) बोर्ड का छात्र था। उसके पिता आईटी सेक्टर में काम करते हैं।
परिजन ने पुलिस को बताया कि गुरुवार को अदवित अंग्रेजी का पेपर देकर आया था। उसने यह पेपर खराब होने की बात कही थी। इसके बाद से ही वह कुछ असहज महसूस कर रहा था, हालांकि उसे समझाया गया और बाद में वह सोसाइटी की छत पर बैठ गया। करीब 20 मिनट बाद वह अचानक नीचे कूद गया।
जरा भी अंदाजा होता तो अकेला न छोड़ते
घटना के बाद से परिजनों का बुरा हाल है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि उसे समझाया गया था कि ठीक है, जो होगा देखा जाएगा, लेकिन वह तभी से बेचैन था और छत पर चला गया। अगर जरा भी इसका अंदाजा होता कि तो उसे अकेला नहीं छोड़ते। वहीं, अदवित की बड़ी बहन रोते हुए कह रही थी कि अब राखी किसके बांधेगी। घटना के बाद पूरा परिवार बदहवास है।
जांच में यही पता चल रहा है कि छात्र का अंग्रेजी का पेपर ठीक नहीं गया। वह दूसरी बार 12वीं की परीक्षा दे रहा था। पेपर खराब होने से बेहद तनाव में था। -अरविंद कुमार, प्रभारी निरीक्षक, बिसरख थाना
अचानक नहीं बनती आत्महत्या की स्थिति: मनोचिकित्सक
जिम्स की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. किरन जाखड़ कहती हैं कि आत्महत्या की स्थिति अचानक नहीं पैदा होती है। इसके पीछे पूरा घटनाक्रम रहता है। 10 महीने ठीक से पढ़ाई नहीं की और अब एक महीने में सब कुछ खत्म करने का दबाव है तो छात्र तनाव में आ जाते हैं। कुछ मामलों में शिक्षकों और टीचर्स और अभिभावक 90 फीसदी से अधिक अंकों का दबाव बताते हैं, यह ठीक नहीं।
परीक्षा को लेकर क्या करें, क्या न करें (मनोचिकित्सक डॉ. जाखड़ के अनुसार)
- परीक्षा की तैयारी पूरे साल करें और पाठ्यक्रम को महीनों में बांटें।
- शेड्यूल बनाकर पढ़ेंगे तो अंत में तनाव नहीं होगा और नंबर भी अच्छे आएंगे।
- अभिभावक की जिम्मेदारी है कि वह परीक्षा के दौरान ही नहीं शुरू से निगरानी रखें।
- प्रत्येक बच्चे की अलग क्षमता है और उन पर 90 फीसदी अंकों का दबाव न रखें।
- अगर कम नंबर आएं तो उसको भी स्वीकार करें। पढ़ाई के अलावा भी जीवन है।
- हर साल वर्ष परीक्षा के समय ऐसी घटनाएं होती हैं ऐसे में अभिभावकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
Sorry मम्मी-पापा.जीवन से मन भर गया है,B.sc की डिग्री जलाकर फंदे पर झूला रूला देगी घटना👇
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी. सुसाइड से पहले युवक ने अपनी बीएससी सहित अन्य डिग्रियां जला दीं. युवक का कथित सुसाइड नोट भी पुलिस को मिला है जो कि बेहद भावुक कर देने वाला है.
युवक के घरवाले सदमे में हैं. उनके आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
पुलिस ने कहा कि पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि नौकरी न मिल पाने के कारण युवक ने ऐसा खौफनाक कदम उठाया. मौके से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि ऐसी डिग्री का क्या फायदा जो एक नौकरी नहीं दिला सकता. मां मुझे माफ कर देना, पापा का ख्याल रखना, बहन की शादी अच्छे से करवाना. घरवालों के मुताबिक, युवक ने पुलिस भर्ती की परीक्षा दी थी, तभी से वह बहुत परेशान चल रहा था. पुलिस को युवक का शव घर के कमरे में फंदे पर लटका मिला. मृतक युवक का नाम ब्रजेश पाल है. सुसाइड की ये घटना सदर क्षेत्र के भुड़ गांव की है.
सुसाइड नोट में क्या लिखा?
सुसाइड नोट में लिखा है… मां-पापा मुझे माफ करिएगा. मैं आपको धोखा देने जा रहा हूं. मेरी मौत के बाद कोई भी परेशान न हो. मैं सुसाइड करने जा रहा हूं, जिसका जिम्मेदार मैं खुद हूं. मैं अब इस दुनिया में रहना नहीं चाहता. मुझे किसी तरह की तकलीफ नहीं थी. बस अब मन भर गया है. मैं अब आप लोगों का साथ छोड़ने जा रहा हूं. प्लीज मुझे माफ कर दीजिएगा.
‘आज का दिन मेरा आखिरी है’
सुसाइड नोट में आगे लिखा है कि आज का दिन मेरा आखिरी है. आज मैंने मां के साथ खाना खाया. लेकिन अब धोखा देने जा रहा हूं. पापा का ख्याल रखना और बोल देना कि इतना ही साथ था. मैं भले ही इस दुनिया में नहीं हूं, लेकिन संगीता की शादी में कोई कमी नहीं करना. धूमधाम से करना.
‘बीएससी की डिग्री जला दी है’
सुसाइड नोट में आगे लिखा कि बीएससी की डिग्री जला दी है. ऐसी डिग्री का क्या फायदा, जिससे एक नौकरी न मिल सके. आधी उम्र पढ़ते-पढ़ते निकल गई. ब्रजेश पाल….यह सुसाइड नोट जिसने भी पढ़ा, आंखों से आंसू आ गए. पुलिस ने कहा है कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग मैच कराई जाएगी. पुलिस मामले की जांच कर रही है. परिजनों ने बताया कि दो बहनों में यह इकलौता बेटा था. पिता दिल्ली में प्राइवेट जॉब करके जैसे तैसे परिवार पाल रहे थे. बेटा नौकरी की तलाश में था.
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