भारत के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका का सबसे कम स्कोर है।
7/61 - शार्दुल ठाकुर, जोहान्सबर्ग, 2022
7/120 - हरभजन सिंह, केप टाउन, 2011
6/15 - मोहम्मद सिराज, केप टाउन, 2024
6/53 - अनिल कुंबले, जोहान्सबर्ग, 1992
6/76 - जवागल श्रीनाथ, गक़ेबरहा, 2001
6/138 - रवीन्द्र जड़ेजा डरबन, 2013।
5/7 - जसप्रीत बुमराह बनाम वेस्टइंडीज, नॉर्थ साउंड, 2019
6/12 - वेंकटपति राजू बनाम श्रीलंका, चंडीगढ़, 1990
5/13 - हरभजन सिंह बनाम वेस्टइंडीज, किंग्स्टन, 2006
6/15 - मोहम्मद सिराज बनाम दक्षिण अफ्रीका, केप टाउन, 2024
5/18 - सुभाष गुप्ते बनाम पाकिस्तान, ढाका, 1955।
55 बनाम भारत, केप टाउन, 2024
73 बनाम श्रीलंका, गॉल, 2018
79 बनाम भारत, नागपुर, 2015
83 बनाम इंग्लैंड, जोहान्सबर्ग, 2016
84 बनाम भारत, जोहान्सबर्ग, 2006।
55 - दक्षिण अफ़्रीका, केप टाउन, 2024
62 - न्यूजीलैंड, मुंबई डब्ल्यूएस, 2021
79 - दक्षिण अफ्रीका, नागपुर, 2015
81 - इंग्लैंड, अहमदाबाद, 2021
82 - श्रीलंका, चंडीगढ़, 1990
कप्तान डीन एल्गर ने अंतिम टेस्ट में टॉस जीता और उन्होंने अच्छी खासी घास वाली पिच पर पहले बल्लेबाजी करने का विकल्प चुना। सिराज ने जादुई स्पैल फेंका। स्विंग, सीम, सटीकता से भरपूर था। मोहम्मद सिराज के दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर भारतीय तेज गेंदबाजों में सबसे कातिलाना स्पैल फेंकने से मेजबान टीम बुधवार को यहां दूसरे और आखिरी टेस्ट के शुरुआती दिन लंच तक अपने न्यूनतम 55 रन के स्कोर पर सिमट गयी। सिराज ने नौ ओवर के अपने पहले स्पैल में 15 रन देकर छह विकेट झटककर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज उनके पिच से हासिल किये गये असमान उछाल और मूवमेंट से निपटने में असफल रही। सिराज से पहले देश के 92 वर्ष के टेस्ट इतिहास में इस तरह का शानदार प्रदर्शन बायें हाथ के स्पिनर मनिंदर सिंह के नाम है जिन्होंने 1986-87 में बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ लंच से पहले पांच विकेट झटकने की उपलब्धि हासिल की थी।
बुधवार को उमस भरी सुबह दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को सिराज की तेजी, स्विंग और सीम मूवमेंट का सामना करने में परेशानी हुई जिससे पूरी टीम पहली पारी में महज 23.2 ओवर में पवेलियन पहुंच गयी। केवल डेविड बेडिघंम (12 रन) और काइल वेरेयने (15 रन) ही दो बल्लेबाज रहे जो दोहरे अंक तक पहुंच सके जिससे स्टैंड में मौजूद दक्षिण अफ्रीकी दर्शक मायूस हो गये।
सिराज ने नौ ओवर में तीन मेडन से 15 रन देकर छह विकेट झटके। जसप्रीत बुमराह (आठ ओवर में 25 रन देकर दो विकेट) ने भी दूसरे छोर से दबाव बनाये रखा। मुकेश कुमार (बिना रन दिये दो विकेट) ने पुछल्ले बल्लेबाजों को समेटा और साबित किया कि इन परिस्थितियों में वह शार्दुल ठाकुर से कहीं बेहतर हैं।
सेंचुरियन में पारी की हार के बाद भारतीय समर्थकों ने भी गेंदबाजों से इस तरह के शानदार प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की होगी। सिराज ने चार से छह मीटर तक फुल लेंथ गेंदबाजी डालना जारी रखा और पिच से मिले उछाल ने इसमें मदद की। दूसरे छोर पर बुमराह ने बैक लेंथ पर हिट किया और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी शानदार क्षेत्ररक्षण सजाकर गेंदबाजों का पूरा सहयोग किया।
जब सिराज ने गेंदबाजी शुरू की तो लेग स्लिप पर खिलाड़ी मौजूद था जबकि बुमराह के लिए रोहित खुद शॉर्ट लेग पर खड़े रहे। ऐडन मार्कराम हवा में बलखाती गेंद को खेलने के प्रयास में यशस्वी जायसवाल को शानदार कैच देकर आउट हुए। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर जल्द ही सिराज की फुल लेंथ गेंद पर शॉट खेलने के प्रयास में बोल्ड हो गये।
बुमराह ने फिर युवा ट्रिस्टन स्टब्स को शॉर्ट लेग पर कप्तान के हाथों कैच आउट कराया। टोनी डिजोर्जी की ऊंची गेंद को मारने की आदत उन पर भारी पड़ी और वह विकेटकीपर के हाथों कैच आउट हुए। डेविड बेडिघंम को ड्राइव करने के लिये ललचाया गया और अतिरिक्त उछाल ने उनकी पारी भी खत्म कर दी।
मार्को यानसेन ने सिराज की गेंद पर बल्ला छुआया जिससे इस भारतीय गेंदबाज को पांचवां विकेट मिला और तब तक कोई नहीं जानता था कि दक्षिण अफ्रीका के लिए 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद यह सबसे शर्मसार करने वाली सुबह रहेगी।
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