वहीं, अब नियमों के उल्लंघन को लेकर ग्राम पंचायत पीडीओ जीवन बीएम को सस्पेंड कर दिया गया है.
सोमवार यानी 28 जनवरी को बेंगलुरु और मांड्या में प्रदर्शन के बीच केरागोडु पंचायत पीडीओ जीवन बीएम को सरकारी नियमों का उल्लंघन करने और काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया. मांड्या ग्राम पंचायत के सीईओ शेख आसिफ ने गांव में कई दिनों की अराजकता के बाद निलंबन आदेश पारित किया.
पारित आदेशों में जीवन के निलंबन के कारणों में से एक के रूप में सरकारी भूमि पर एक ध्वजस्तंभ के अनधिकृत निर्माण का भी उल्लेख किया गया है. साथ ही पंचायत पदाधिकारी पर आमसभा की बैठक में मामले को नहीं उठाने का भी आरोप लगाया गया. यह घटना पिछले हफ्ते हुई जब केरागोडु में ग्रामीणों के एक समूह ने 108 फुट ऊंचा ध्वजस्तंभ खड़ा करने के बाद हनुमान ध्वज फहराया.
मांड्या में निकाली गई रैली
हालांकि, मांड्या जिला पंचायत के सीईओ शेख तनवीर आसिफ ने आरोप लगाया कि ग्रामीणों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति ली थी, लेकिन उन्होंने हनुमान का भगवा झंडा फहराया. उन्होंने यह भी कहा कि झंडे को कानून के मुताबिक उतारा गया. इससे गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार को मांड्या जिले के केरागोडु में 'बंद' का आह्वान किया, जिसके बाद सोमवार को केरागोडु से मांड्या के जिला कलेक्टर कार्यालय तक 15 किलोमीटर की रैली निकाली गई.
विरोध रैली बीजेपी और JD(S) कार्यकर्ताओं की तरफ से बुलाई गई थी, जिसमें भगवा चोला पहने हजारों युवाओं ने हिस्सा लिया. विरोध प्रदर्शन में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी शामिल हुए।
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