रिहाई की जैसे ही खबर मिली, ओसामा के चाहने वाले एवं शहाबुद्दीन समर्थक बड़ी संख्या में सुबह से ही सीवान मंडल कारागार के मुख्य गेट पर पहुंचना शुरू हो गए। देखते ही देखते हजारों-हजार की भीड़ उमड़ पड़ी। ओसामा जैसे ही जेल गेट से बाहर निकला 'शेर आया शेर आया' के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। वहां जुटी भीड़ ने उसका फूल मालाओं से स्वागत किया और जैसे ही वह अपने घर के लिए निकला, पीछे-पीछे समर्थक भी उसके घर पहुंच गए।
किस मामले में था बंद
ओसामा पर सबसे पहले केस हुसैनगंज थाना क्षेत्र के छपिया बुजुर्ग स्थित 42 कट्ठा जमीन विवाद में दर्ज हुआ था। उसके बाद मोतिहारी उसके बहनोई के आपसी जमीन विवाद में भी ओसामा पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। अभी यह सब चल ही रहा था कि ओसामा शहाब कोटा के राजस्थान में ट्रैफिक पुलिस के द्वारा पकड़ा गया था, जिसे तुरंत राजस्थान पुलिस ने छोड़ दिया था। लेकिन ओसामा को गिरफ्तार करने के लिए हुसैनगंज पुलिस कोटा पहुंचकर अपने साथ लाई और सीवान व्यवहार न्यायालय में उसे हुसैनगंज मामले में पेश किया।
इसके बाद न्यायालय के आदेश पर ओसामा को मंडल कारा भेज दिया गया। कुछ दिन के बाद ओसामा शहाब को हुसैनगंज मामले में जमानत सीवान कोर्ट के द्वारा ही मिल गई थी। लेकिन मोतिहारी में दर्ज FIR मामले में वह जेल में बंद था। जहां उसके द्वारा मोतिहारी व्यवहार न्यायालय में जमानत अर्जित दाखिल तो की गई, लेकिन माननीय कोर्ट के द्वारा उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई थी। इसके बाद ओसामा शहाब ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां अंतत: उसे जमानत मिल गई और वह जेल से रिहा कर दिया गया।
क्या बदलेगी 2024 की तस्वीर?
सीवान के पूर्व सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन का बेटा ओसामा, जब से सीवान जेल में बंद है तब से उसके समर्थकों द्वारा यह कहा जा रहा है कि उनको राजनीति के तहत फंसाया गया है। उन्हें जेल में बंद करवाया गया है। आपको बता दें कि शहाबुद्दीन परिवार बिहार में एक मुस्लिम नेता का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। जो बिहार की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है। अब सवाल यह है कि ओसामा तो जेल से आज कोर्ट के आदेश पर रिहा कर दिए गया, तो क्या अब राजनीतिक नई करवट बदलेगी और फिर कोई नई इबारत लिखी जाएगी, यह तमाम समर्थकों को अभी इसका इंतजार है।
बताते चलें कि ओसामा शहाब की रिहाई के वक्त लोजपा नेता इमाम गजाली भी जेल गेट पर नजर आए। कहीं न कहीं अंदर कुछ खिचड़ी जरूर पक रही है। हालांकि, अभी तक परिवार की तरफ से पार्टी या राजनीति को लेकर कोई एलान नहीं किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लोजपा नेता इमाम गजाली लगातार शहाबुद्दीन परिवार के संपर्क में हैं और वह शहाबुद्दीन परिवार की वकालत जोर-शोर से मजबूती के साथ करते हुए कैमरे पर कई बार नजर आ चुके हैं। लेकिन अब कुछ ही महीने में चुनाव की तारीखों का एलान होना है। ऐसे में शहाबुद्दीन परिवार का क्या स्टैंड है, इस पर सब की नजर टिकी हुई है।
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