जानिए किस नए कानून का ट्रक-बस ड्राइवर कर रहे हैं विरोध, जगह जगह ड्राइवरों का प्रदर्शन

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जानिए किस नए कानून का ट्रक-बस ड्राइवर कर रहे हैं विरोध, जगह जगह ड्राइवरों का प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कानून के विरोध में दिल्ली के अंदर क्लस्टर बस चालकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वजीरपुर के बाद दिल्ली के अन्य इलाकों में ड्राइवरों ने क्लस्टर बस चलाने से इनकार कर दिया है।

डीटीसी बसों को भी अलग-अलग इलाकों में रोका जा रहा है।

चालकों का कहना है कि केंद्र सरकार ने नए कानून के तहत सड़क हादसे में मौत होने पर ड्राइवर पर 7 लाख का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान किया है जो कि किसी भी तरह से सही नहीं है। उधर, तीन जनवरी को जंतर-मंतर पर ट्रांसपोर्ट यूनियन और चालकों ने व्यापक प्रदर्शन करने का भी फैसला लिया है।

सुबह से यात्री हलकान
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में क्लस्टर बसों के नहीं चलने की वजह से सुबह से यात्री हलकान हैं। सड़कों पर बस स्टॉप पर लोग देर तक बसों का इंतजार करते दिखे। साल के पहले दिन उन्हें दफ्तर और अन्य गंतव्य तक जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। क्लस्टर बसों के कम चलने की वजह से डीटीसी बसों में अत्यधिक भीड़ है। भीड़ की वजह से यात्रियों ने मेट्रो, ऑटो और टैक्सी जैसे दूसरे विकल्पों को अपनाया। 

क्या है नया नियम
गौरतलब है कि हाल ही में संसद ने भारतीय न्याय संहिता संहिता को मंजूरी दी है जिसे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के स्थान पर लाया जा रहा है। नए कानून में 'हिट एंड रन' के खिलाफ सख्त प्रावधान किया गया है, जिसमें हर साल 50 हजार से अधिक लोगों की जान चली जाती है। नए कानून के मुताबिक यदि कोई चालक दुर्घटना के बाद फरार हो जाता है तो उसे 10 साल तक की जेल हो सकती है। संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने इस कानून के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा था कि उन चालकों के प्रति नरमी बरती जाएगी जो खुद पुलिस को सूचना देंगे और घायल को अस्पताल ले जाएंगे। हालांकि, चालकों की चिंता है कि दुर्घटना के बाद यदि वे मौके पर रहे तो भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।

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