अजब गजब डेस्क:
भारत के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने इसे डिजाइन किया है।
स्वदेशी रूप से निर्मित 'आरोग्य मैत्री क्यूब' को शनिवार को चालू किया गया। इसे घायलों के इलाज के लिए आपातकालीन स्थल पर पहुंचने के एक घंटे के भीतर इकट्ठा और स्थापित किया जा सकता है। पैकर्स प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक अमित चौधरी ने बताया, "हमने इस अस्पताल को डिजाइन किया है जिसे आपातकालीन स्थल पर पहुंचने के एक घंटे के भीतर इकट्ठा और स्थापित किया जा सकता है।"
अमित चौधरी ने कहा "इसका उपयोग किसी भी आपातकालीन क्षेत्र या आपदा प्रभावित क्षेत्र में किया जा सकता है, चाहे वह भूकंप, बाढ़, जंगल की आग या यहां तक कि युद्ध हो। यह गोली के घावों का इलाज कर सकता है और किसी भी समय 200 रोगियों का इलाज कर सकता है।" भीष्म (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग हित और मैत्री) बल के प्रमुख एयर वाइस मार्शल तन्मय रॉय ने दावा किया कि किसी भी आपदा के दौरान 15 मिनट के भीतर सर्जिकल स्टेशन स्थापित किया जा सकता है।
भीष्म टास्क फोर्स के प्रमुख एयर वाइस मार्शल तन्मय रॉय ने कहा,"क्यूब में सभी जरुरी उपकरण मौजूद होते हैं और आपदा वाली जगह पर इसे 15 मिनट के भीतर लगाया जा सकता है। कोई अन्य एजेंसी ऐसा करने में सक्षम नहीं है, और हम अपने लोगों को नियमित रूप से प्रशिक्षित करते हैं ताकि पहुंचने के 15 मिनट के भीतर इस सर्जिकल स्टेशन को स्थापित कर सकें। पोर्टेबल अस्पताल को आरोग्य मैत्री क्यूब कहा जाता है और यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई "आरोग्य मैत्री परियोजना" के अंतर्गत आता है और स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
यह क्यूब, "प्रोजेक्ट भीष्म" नामक व्यापक पहल का एक हिस्सा है। इसे संकट की हालत में 200 हताहतों के इलाज के लिए तैयार किया गया है। बड़े पैमाने पर हताहत होने की घटनाओं (एमसीआई) में हार तरीके की सुविधा से लैस है। पोर्टेबल अस्पताल में कई क्यूब्स शामिल हैं और इन क्यूब्स को एक सर्जिकल स्टेशन में परिवर्तित किया जा सकता है जिसमें सभी सुविधाएं हैं जहां छोटी ऑपरेटिंग प्रक्रियाएं भी की जा सकती हैं।
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