Rapid Train: गाजियाबाद में पीएम मोदी ने देश की पहली RAPID रेल को दिखाई हरी झंडी, जानें इसकी खासियत

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Rapid Train: गाजियाबाद में पीएम मोदी ने देश की पहली RAPID रेल को दिखाई हरी झंडी, जानें इसकी खासियत

देश को पहली RAPID रेल (नमो भारत) मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-8 में बने स्टेशन से 'नमो भारत' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. कल (21 अक्टूबर) से रैपिड ट्रेन सेवा आम लोगों के लिए शुरू हो जाएगी. पहले फेज में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर 17 किमी की यात्रा की जा सकेगी. यह यात्रा 12 मिनट में तय की जा सकेगी.

इस कॉरिडोर की लंबाई 82 किमी है, जिसमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में और 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) एनसीआर में इस क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का ऐसा नेटवर्क तैयार कर रहा है, जिसे दिल्ली मेट्रो की अलग-अलग लाइनों के साथ जोड़ा जाएगा. ये अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे शहरों को भी दिल्ली से जोड़ेंगे.

पीएम मोदी ने गाजियाबाद से रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान उनके साथ यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. अभी यह रेल 5 स्टेशनों के बीच 17 किलोमीटर तक का सफर तय करेगी. बाद में 82 किलोमीटर का कॉरिडोर पूरा होने के बाद दिल्ली से मेरठ तक की यात्रा 1 घंटे से कम समय में की जा सकेगी.

आरआरटीएस ट्रेनों को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए डिजाइन किया गया है. हालांकि, ये ट्रेनें पटरियों पर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी. यह ट्रेन 60 मिनट में 100 किलोमीटर तक का
सफर तय कर सकती है. 6 कोच वाली इस ट्रेन का लुक बिल्कुल बुलेट ट्रेन की तरह है. आरआरआरटीएस को उन यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो तेज गति और शांत तरीके से लंबी दूरी की यात्रा करना चाहते हैं.

पहले खंड में रैपिड रेल साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो के बीच चलाई जाएगी. आरआरटीएस का प्राथमिक खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली है, जिसे 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति पर पूरा सफर तय करने के लिए खोला जा रहा है. रैपिडएक्स, यात्रियों के लिए तेज़, सुरक्षित और आरामदायक रीजनल आवागमन सेवा सुनिश्चित करेगा. दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बहुकेंद्रित और संतुलित विकास को सक्षम कर, रोजगार, व्यवसाय और शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराएगा. सार्वजनिक परिवहन के इस सस्टेनेबल साधन से भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है.
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