Chandra Grahan: आज लगेगा चंद्रगहण, जानिए कब लगेगा और भारत में कहां कहां दिखाई देगा चंद्रगहण

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Chandra Grahan: आज लगेगा चंद्रगहण, जानिए कब लगेगा और भारत में कहां कहां दिखाई देगा चंद्रगहण

*👉 भारत में कितने बजे शुरू होगा चंद्र ग्रहण ?*

*चंद्र ग्रहण की तिथि:-* आश्विन शुक्ल पूर्णिमा 28 अक्टूबर शनिवार 2023 को।

*खंडग्रास चंद्रग्रहण का समय :-* रात्रि 01 बजकर 05 मिनट से रात्रि 01 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। 

*खंडग्रास चंद्रग्रहण का मोक्ष अथवा समाप्ति:-* रात्रि 02:23 बजे।

*👉 चंद्रग्रहण भारत में कहां-कहां दिखाई देगा?*

 यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। अतः यहां सूतक भी लगेगा।

भारत के अलावा बहुत से अन्य देशों में भी दिखाई देगा।

*👉 सूतक*:- चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है।

सूतक का समय 28 अक्टूबर 2023 रोज शनिवार के दोपहर 04:05 बजे से शुरू हो जाएगा।
 जो रात्रि 02:23 बजे समाप्त होगा। 
 अतः रात्रि 2:25 के बाद ही स्नान करें।

*👉 चंद्रग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ख्याल*

1. सूतक काल से ग्रहण खत्म होने तक सभी धार्मिक कार्य, सामाजिक कार्य करने की मनाही होती है.

2. चंद्रग्रहण के दौरान भूलकर भी सोना नहीं चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से व्यक्ति में रोगी आदि बढ़ जाता है।

3. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर बिल्कुल नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा जब ग्रहण चल रहा हो उस समय किसी भी नुकीली और धारदार चीज के इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

4. चंद्रग्रहण काल के समय पूजा अर्चना नहीं करनी चाहिए। साथ ही मंदिर के गेट तक बंद कर दिए जाते हैं। लेकिन, आप अपने मन मन में अपने इष्ट देव की उपासना कर सकते हैं।

5. चंद्रग्रहण के बाद स्नान और दान का भी विशेष महत्व होता है। चंद्रग्रहण के बाद पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें और इसके बाद दान करें। दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

*👉 चंद्रग्रहण के समय तथा बाद में क्या करें*

चंद्र ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र गायत्री मंत्र या इष्ट देवता का मंत्र का जाप करना शुभ होता है। वहीं ग्रहण के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। " ॐ नम: शिवाय ,, मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही इस मंत्र का जप करे “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात।

*👉 यह चंद्रग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि पर लगेगा। विभिन्न राशि वालो के लिए ग्रहण का गोचर फल इस प्रकार होगा।*

👉 अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि वालो को यह ग्रहण नही देखना चाहिए तथा शांति का उपाय करना चाहिए।

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