Bihar: नालंदा पहुंचे थे मुकेश सहनी, कार्यक्रम में भिड़े कार्यकर्ता, एक-दूसरे पर करने लगे चप्पलों की बारिश, देखें वीडियो
नालंदा: विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) के कार्यक्रम में मंगलवार (13 सितंबर) को कुछ लोग एक-दूसरे पर चप्पल बरसाने लगे. मुकेश सहनी 'निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा' के तहत नालंदा पहुंचे थे.श्रम कल्याण केंद्र के मैदान में वह लोगों को संबोधित कर रहे थे. भारी संख्या में लोग भी पहुंचे थे. इसमें महिलाएं भी थीं. इस दौरान मुकेश सहनी ने मंच से लोगों को शांत रहने के लिए कहा.
बताया जाता है कि बिहारशरीफ पहुंचने के बाद मुकेश सहनी का कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. मुकेश सहनी कार्यक्रम को संबोधित भी करने लगे. इस दौरान कई कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों को मंच से नीचे उतारा गया. धक्का-धुक्की होने लगी. इसी दौरान आपस में कार्यकर्ता भिड़ गए और चप्पल बरसाने लगे. वीडियो में महिलाएं भी दिख रही हैं. थोड़ी देर के लिए मुकेश सहनी ने अपना संबोधन रोक दिया. वहां मौजूद कार्यकर्ताओं और लोगों को शांत रहने के लिए कहने लगे. तुरंत झगड़ने वाले कार्यकर्ताओं को स्थल से बाहर निकाल दिया.
किस बात को लेकर लोग चलाने लगे चप्पल?
नालंदा: पूर्व मंत्री मुकेश साहनी के कार्यक्रम में शामिल कार्यकर्ता आपस में भिड़े, जमकर चली चप्पल हुई मारपीट, मच गई थी अफरातफरी.. pic.twitter.com/Vx1H0qcENi
— Amritesh Kumar (@AmriteshBalli) September 12, 2023
कहा जा रहा है कि इस सभा में बैठने के लिए कार्यकर्ताओं को बैठने के लिए पर्याप्त संख्या में कुर्सी की व्यवस्था नहीं की गई थी. जहां मीडियाकर्मियों को होना था वहां तक भीड़ थी. जिस समय कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे उस समय सभा स्थल पर थोड़ी देर के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया था. कार्यकर्ताओं के भिड़ जाने के बाद थोड़ी ही देर में मुकेश सहनी सभा को समाप्त कर अपने रथ से रवाना हो गए.
नौ साल बाद भी नौ लाख लोगों को नहीं मिली नौकरी
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि निषादों को पांच किलो अनाज नहीं चाहिए अब हमें अपने बच्चों की नौकरी के लिए आरक्षण चाहिए. उन्होंने जोर देकर कटाक्ष करते हुए कहा कि पांच किलो अनाज देकर ये हमें गुलाम बनाना चाहते हैं. केंद्र सरकार को नौकरी के सवाल पर घेरते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन आज नौ साल के बाद भी नौ लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मिली.
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