Haryana: दवा लेकर बेटी संग लौट रहीं महिला जज पर भीड़ का हमला, भीड़ ने जला डाली कार, मुश्किल से बची जान

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Haryana: दवा लेकर बेटी संग लौट रहीं महिला जज पर भीड़ का हमला, भीड़ ने जला डाली कार, मुश्किल से बची जान हरियाणा के नूंह में सोमवार को हुई हिंसा के बाद अब कुछ हद तक चीज़ें पटरी पर लौट रही हैं. पुलिस अभी भी कड़ी नज़र बनाए हुए है, इंटरनेट बंद है और पाबंदियां रखी जा रही हैं. इस बीच 31 जुलाई यानी हिंसा वाले दिन की अलग-अलग कहानियां सामने आ रही हैं. इस मामले में 41 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जो हिंसा के उस दौर के बारे में बता रही हैं. इसी दौरान एक महिला सिविल जज जो अपने घर लौट रही थीं, तब उनकी गाड़ी पर भी हमला किया गया था. अपनी बेटी के साथ सफर कर रही महिला जज ने किस तरह अपनी जान बचाई, इसकी पूरी कहानी सामने आई है.

महिला जज ने इस तरह बचाई थी जान

1 अगस्त को नूंह में इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है, इसमें बताया गया है कि एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अंजलि जैन उस दिन अपनी 3 साल की बेटी और गनमैन साथ मेडिकल कॉलेज से वापस लौट रही थीं. इसी दौरान उनकी गाड़ी पर 100-150 लोगों की भीड़ ने हमला किया और पत्थरबाजी शुरू कर दी.

एफआईआर में बताया गया है, ‘हम वॉक्सवैगन पोलो गाड़ी में थे, जज अंजलि जैन नलहर में दोपहर 2 बजे के करीब दवाई लेने के लिए अस्पताल पहुंची थीं. जब दिल्ली-अलवर रोड पर हम बंधन बैंक के पास पहुंचे, तब भीड़ ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और हथियार लहराए. तभी गाड़ी पर पीछे से एक पत्थर आया, इतनी ही देर में फायरिंग शुरू हो गई. हमें उस वक्त कुछ वकीलों ने बचा लिया और हम पास में मौजूद बस स्टैंड की वर्क शॉप में छिप गए.’

इस मामले में हत्या की कोशिश, दंगे और आर्म्स एक्ट के सेक्शन 25 के तहत केस दर्ज हुआ है. भीड़ ने जज की कार को आग के हवाले कर दिया था, जिसके निशान अगले दिन देखने को मिले.

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जब पुलिसवालों से भरी बस पर हुआ हमला

एक अन्य एफआईआर में दो होम गार्ड पर हुए हमले की कहानी है, जिसमें उनकी मौत हो गई. हिंसा को काबू करने के लिए नूंह में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा जा रहा था, एक बस में पुलिस के जवान और दो होम गार्ड भी थे. लेकिन साइबर पुलिस स्टेशन के पास अनाज मंडी में भीड़ ने इसी बस पर हमला बोल दिया, जिसमें दो होम गार्ड नीरज और गुरसेव की मौत हो गई.

एफआईआर के मुताबिक, जब बस अनाज मंडी के गेट पर पहुंची तब एक झुंड हथियारों के साथ आया और हमला बोल दिया. भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू की, रास्ता पूरी तरह रोक दिया और बस को निशाने पर लिया. पुलिसवालों के फोन छीन लिए गए थे, पत्थर-रोड से मारा जा रहा था. जब भीड़ का हमला बढ़ा तो एक पुलिसवाले ने हवाई फायर कर दी, जिसकी वजह से भीड़ भाग गई और पुलिसवालों की जान बच पाई.


इस हमले में कई लोग घायल हुए थे, जबकि दो होमगार्ड (नीरज और गुरसेव) समेत कुल 6 लोग गंभीर रूप से घायल थे. बाद में दो होम गार्ड ने यहां दम तोड़ दिया था.

आपको बता दें कि नूंह में सोमवार को एक शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ और उसके बाद हिंसा शुरू हो गई. नूंह के बाद आसपास के इलाकों में भी हिंसा फैल गई थी, 4 जिलों में इंटरनेट बंद किया गया है और धारा 144 भी लगाई गई है. पुलिस ने बीते दिन जानकारी दी थी कि अभी तक नूंह हिंसा को लेकर 41 एफआईआर हो चुकी हैं, जबकि 116 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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