चंद्रयान के बाद अब भारत का समुद्रयान प्रोजेक्ट, 6000 मीटर की गहराई में जाकर खोज चलाने के उद्देश्य से किया जा रहा है तैयार

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चंद्रयान के बाद अब भारत का समुद्रयान प्रोजेक्ट, 6000 मीटर की गहराई में जाकर खोज चलाने के उद्देश्य से किया जा रहा है तैयार



चंद्रयान 3 के सफल लॉन्चिंग और चंद्रमा के करीब तक पहुंचने के बाद अब भारत समुद्र में अपने अभियान की तैयारियां कर रहा है। अब सबमर्सिबल की मदद से समुद्र के अंदर 6000 मीटर की गहराई में लोगों को ले जाने का प्रोजेक्ट समुद्रयान की तैयारियां चल रही हैं। इस बात का खुलासा पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने राज्यसभा में अपने लिखित उत्तर में दिया है।

इस मिशन का नाम 'समुद्रयान मिशन' रखा गया है। जानकारी के अनुसार जिस सबमर्सिबल में बैठकर लोगों को समुद्र के अंदर गहराई में ले जाया जाएगा, उस सबमर्सिबल की जांच का काम 2024 में पूरी कर ली जाएगी।

*विकसित किया जा रहा है सबमर्सिबल*

भारत वर्ष 2047 यानी आजादी के ठीक 100 सालों के अंदर भारत विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही भारत समुद्र की गहराई में उतरने की मुहिम में जूट गया है। भारत सरकार एक सबमर्सिबल का निर्माण कर रही है, जिसका नाम 'मत्स्य 6000' दिया गया है। इस सबमर्सिबल को समुद्र के अंदर 6000 मीटर की गहराई में जाकर खोज चलाने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है।

सबमर्सिबल 3 लोगों को समु्द्र में 6000 मीटर की गहराई में ले जाने में सक्षम होगा। मंत्री ने बताया कि इससे पहले भारत 7000 मीटर की गहराई में मानवरहित सबमर्सिबल भेजने के मिशन को अंजाम दे चुका है। अब मानवयुक्त मिशन के पूरा करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है।

*अत्याधुनिक पनडुब्बी होगी 'मत्स्य 6000'*

इस पनडुब्बी का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पहले 500 मीटर तक की गहराई में जाने में सक्षम पनडुब्बी को तैयार किया गया। इसके बाद भारत ने मानवरहित रोबोटिक पनडुब्बी को समुद्र के नीचे 6000-7000 मीटर की गहराई में उतारा। अब मानवसहित सबमर्सिबल को समुद्र की गहराई नापने का काम सौंपने की तैयारी चल रही है।
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