Viral Video: रूस ने यूक्रेन में बांध को बम से उड़ाया, 16 हजार लोगों की जिंदगी खतरे में, देखें वीडियो।
नई दिल्ली: यूक्रेन पर जारी रूसी हवाई हमलों के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। यूक्रेन ने रूस पर देश के दक्षिणी खेरसोन प्रांत में निप्रो नदी पर मौजूद एक प्रमुख हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्लांट के बांध को बम से उड़ाने का आरोप लगाया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने रूस द्वारा किए गए इस हमले को आतंकी कृत्य बताया है।निप्रो नदी पर मौजूद दुनिया के सबसे बड़े बांधों में से एक है। रूसी हमले के बाद बांध से पानी रिसना शुरू हो गया है और यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि अगर ये बांध टूटा तो 16 हजार लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। अधिकारियों ने बताया है कि खतरे को देखते हुए इलाके से नागरिकों को निकाला जा रहा है।
Russian terrorists. The destruction of the Kakhovka hydroelectric power plant dam only confirms for the whole world that they must be expelled from every corner of Ukrainian land. Not a single meter should be left to them, because they use every meter for terror. It’s only… pic.twitter.com/ErBog1gRhH
— Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) June 6, 2023
खेरसोन के क्षेत्रीय प्रमुख ऑलेक्जेंडर प्रोकुडिन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में चेतावनी दी है कि निप्रो नदी में जलस्तर पांच घंटे के अंदर 'गंभीर' हो जाएगा। हालांकि रूस की तरफ से बांध को बमबारी में नुकसान पहुंचाए जाने की खबरों का खंडन किया गया है। रूस का कहना है कि इस विनाश के लिए यूक्रेन खुद जिम्मेदार है। रूस के अधिकारियों ने कहा है कि बमबारी से प्लांट का केवल ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। पूरे बांध को नहीं।
बांध के आस-पास के इलाकों में पानी के बहाव के वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बांध से पानी के रिसाव के बाद आसपास के इलाकों में बाढ़ का एक वीडियो भी यूक्रेनी राष्ट्रपति द्वारा साझा किया गया। इस वीडियो को शेयर करते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, "रूसी आतंकवादी। कखोव्का पनबिजली संयंत्र बांध का विनाश पूरी दुनिया के लिए केवल यही संदेश देता है कि रूसियों को यूक्रेनी भूमि के हर कोने से बाहर निकाला जाना चाहिए। उनके लिए एक मीटर भी नहीं छोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि वे आतंक फैलाते हैं।"
बता दें कि निप्रो नदी पर बना यह बांध यूक्रेन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह 30 मीटर (98 फीट) ऊंचा और 3.2 किमी (2 मील) लंबा है। इसे कखोव्का पनबिजली संयंत्र के हिस्से के रूप में निप्रो नदी पर 1956 में बनाया गया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि जलाशय में पानी की मात्रा अमेरिकी राज्य यूटा में ग्रेट साल्ट लेक के बराबर है। ग्रेट साल्ट लेक पश्चिमी गोलार्ध में सबसे बड़ी खारे पानी की झील है और दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी झील टर्मिनल झील भी है।
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