Motihari: भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने गांव लौटें चंदन, हुआ जोरदार स्वागत, गॉंव में खुशी का माहौल

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Motihari: भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने गांव लौटें चंदन, हुआ जोरदार स्वागत, गॉंव में खुशी का माहौल

बिहार के मोतिहारी में लेफ्टिनेंट चंदन कुमार सिंह का जोरदार स्वागत हुआ. चंदन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने गांव लौटा. गांव वालों ने उसे फूल माला पहनाया और मिठाई खिलाई. चंदन कुमार 10 पारा एसएफ में 10 जून को कमिशन्ड हुए हैं. पूरी खबर...

मोतिहारीः बिहार के मोतिहारी में चंदन कुमार सिंह के भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर लौटने पर ग्रामीणों ने उसका जोरदार स्वागत किया. केसरिया गांव वालों ने उसे फूल माला पहनाया और मिठाई खिलाई. चंदन कुमार भारतीय सेना में 10 पारा एसएफ में 10 जून को कमिशन्ड हुए हैं. चंदन के पिता अमरेश कुमार सिंह भी फौज में हैं और वे सुबेदार पद पर हैं. गांव वालों के लिए यह काफी गर्व का क्षण रहा.

10 पारा एसएफ में कमिशन्डः केसरिया प्रखंड के बथना गांव के रहने वाले चंदन की शुरुआती पढ़ाई मुजफ्फरपुर से हुई है. उसके बाद आर्मी पब्लिक स्कूल से प्लस टू किया. प्लस टू करने के बाद चंदन ने एनडीए की परीक्षा दी. अपने पिता अमरेश सिंह से प्रेरित होकर चंदन ने सेना में जाकर देश सेवा करने की ठानी और एनडीए की परीक्षा पास की. तीन साल की ट्रेनिंग और एक साल आईएमए में ट्रेंड हुए. विगत 10 जून को उत्तराखंड के भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में चंदन कुमार सिंह 10 पारा एसएफ में कमिशन्ड हुए.

गांव के लोगों ने किया स्वागतः लेफ्टिनेंट चंदन कुमार सिंह के दादा रामकमल सिंह किसान हैं. चाचा अमरेंद्र कुमार सिंह शिक्षक हैं. लेफ्टिनेंट बनकर लौटने पर चंदन का स्वागत उनके घर के लोगों ने किया. उसके बाद पंचायत के मुखिया समेत गांव के कई लोग चंदन के घर पहुंचे और उनका जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर चंदन ने कहा कि इंडियन आर्मी में सर्व करने के लिए मेहनत, लगन और एकाग्रता बरकरार रखनी होगी.

"बचपन से इंडियन आर्मी में जाने की एक जिद थी. घरवालों के साथ शिक्षकों का पूरा सपोर्ट और मार्गदर्शन मिला. आजकल के कंपटेटिव समय में मेहनत करें और एक बार में असफलता मिलने पर निराश ना हों. सहीं मार्गदर्शन में तैयारी करें और विभिन्न स्रोत से खुद को एजुकेट करें." -चंदन कुमार सिंह, लेफ्टिनेंट

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