France: फ्रांस में हिंसक प्रदर्शन के बाद मैक्रों सरकार हाई अलर्ट पर, 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात, जानिए पूरा मामला...

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France: फ्रांस में हिंसक प्रदर्शन के बाद मैक्रों सरकार हाई अलर्ट पर, 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात, जानिए पूरा मामला... France: फ्रांस की राजधानी पेरिस इन दिनों अशांत और आक्रोशपूर्ण विरोध प्रदर्शन को झेल रही है. दरअसल, पेरिस पुलिस ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर एक किशोर की गोली मार कर हत्या कर दी थी. जिसके बाद से बवाल हो रहा है. ऐसे में फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पूरे फ्रांस में लगभग 40,000 पुलिसवालों की तैनात की जाएगी. साथ ही पेरिस में 5,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. 

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हिंसक झड़पों और पेरिस में फैली अशांति की निंदा की है. गुरुवार (29 जून) को उन्होंने कहा कि जिस तरह से सार्वजनिक भवनों पर हमले हुए, कई जगहों पर आगजनी हुईं, यह बिल्कुल अनुचित था. युवक की हत्या के बाद से शहरभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं. सैकड़ों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. 

आपको कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स बताते हैं, जिससे समझना आसान हो जाएगा कि फ्रांस की राजधानी पेरिस में बवाल क्यों जारी है? 

1- दरअसल, फ्रांस की राजधानी पेरिस के उपनगर नानतेरे में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पुलिसकर्मी ने 17 साल के नाहेल को गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद से ही फ्रांस में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें पुलिसवाले को किशोर को गोली मारते देखा जा सकता है. 

2- इस घटना के बाद देश और दुनिया के तमाम फुटबॉल स्टार्स, मशहूर हस्तियों और राजनीतिक लोगों ने 17 साल के नाहेल की हत्या पर आक्रोश व्यक्त किया, जिससे फ्रांस में बवाल भड़कता चला गया. 

3- बढ़ते बवाल के बीच देशभर में करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बवाल के दूसरे दिन के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बुधवार सुबह एक सरकारी संकट बैठक की अध्यक्षता की. 

4- फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने इस तरह के विरोध प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ को ‘गणतंत्र के प्रतीकों के खिलाफ असहनीय हिंसा की रात’ करार दिया है.

5- सरकार के प्रवक्ता ओलिवर वेरन ने विरोध प्रदर्शन के हिंसक मोड़ की आलोचना करते हुए कहा कि जिस तरह के हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं, उसे देखकर नहीं लगता है कि यह न्याय की मांग की जा रही है. इस प्रदर्शन को देख ऐसा मालूम पड़ता है कि इसका उद्देश्य गणतंत्र पर हमला करना है. 

Source: agency
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