पहलवान के यौन शोषण मामलें में बृजभूषण को दिल्ली पुलिस से क्लीन चिट, चार्जशीट दाखिल, जानिए पूरा मामला...
दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में गुरुवार को दो अदालतों में चार्जशीट दाखिल की. एक चार्जशीट 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज केस में रॉउज एवन्यू कोर्ट में दाखिल की गई. जबकि दूसरी चार्जशीट पटियाला कोर्ट में नाबालिग की शिकायत पर दर्ज केस में दाखिल की गई. नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण को क्लीन चिट दी है.दरअसल, 7 महिला पहलवानों ने 21 अप्रैल को दिल्ली पुलिस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे. पहला मामला 6 बालिग महिला पहलवानों की शिकायत पर था. जबकि 1 केस नाबालिग की शिकायत पर POCSO एक्ट के तहत दर्ज किया गया था.
बृजभूषण को क्यों दी क्लीन चिट, दिल्ली पुलिस ने खुद बताया
दिल्ली पुलिस ने 550 पेज की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि POCSO की शिकायत को लेकर कोई सबूत नहीं मिला है. ऐसे में पुलिस ने कोर्ट में बृजभूषण के खिलाफ POCSO के तहत दर्ज केस हटाने की सिफारिश की है. इतना ही नहीं पुलिस का कहना है कि POCSO मामले में जांच पूरी होने के बाद इस मामले को रद्द करने की सिफारिश की गई है. शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर ही पुलिस ने ये रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी है.
नाबालिग ने पहले क्या आरोप लगाए थे बाद में क्या कहा?
बृजभूषण पर यौन शोषण का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपना बयान बदल लिया था. अपने बयान में पहले जहां नाबालिग महिला पहलवान ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था तो वहीं अब उसने बयान में बदलाव करते हुए कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष पर भेदभाव का आरोप लगाया है.
नाबालिग ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने पहले बयान में यौन शौषण की बात कही थी. दूसरे बयान में नाबालिग ने यौन शौषण का आरोप वापस लेते हुए कहा कि मेरा सिलेक्शन नहीं हुआ था मैंने बहुत मेहनत की थी, मैं डिप्रेशन में थी इसलिए गुस्से में यौन शौषण का मामला दर्ज करवाया था.
6 बालिग महिला रेसलर ने अपनी शिकायत में क्या आरोप लगाए?
पहली शिकायत- होटल के रेस्तरां में रात के खाने के दौरान मुझे अपनी मेज पर बुलाया, मुझे टच किया, छाती से पेट तक छुआ. रेसलिंग फेडरेशन के ऑफिस में बिना मेरी इजाजत के मेरे घुटनों, मेरे कंधों और हथेली को छुआ गया. अपने पैर से मेरे पैर को भी टच किया गया. मेरी सांसों के पैटर्न को समझने के बहाने से छाती से पेट तक टच किया गया.
दूसरी शिकायत- जब मैं चटाई पर लेटी हुई थी, आरोपी (बृजभूषण सिंह) मेरे पास आया, मेरे कोच उस वक्त नहीं थे, मेरी अनुमति के बिना मेरी टी-शर्ट खींची, अपना हाथ मेरे ऊपर रख दिया छाती पर और मेरी श्वास की जांच के बहाने इसे मेरे पेट के नीचे सरका दिया. फेडरेशन के ऑफिस में मैं अपने भाई के साथ थी, मुझे बुलाया और भाई को रुकने को कहा गया, फिर कमरे में अपनी तरफ खींचा जबरदस्ती करने की कोशिश की.
तीसरी शिकायत- उसने मुझे मेरे माता-पिता से फोन पर बात करने के लिए कहा, क्योंकि उस समय मेरे पास मेरा मोबाइल फोन नहीं था . आरोपी (सिंह) ने मुझे अपने बिस्तर की ओर बुलाया जहां वह बैठा था और फिर अचानक, मेरी अनुमति के बिना उसने मुझे गले लगा लिया. अपने यौन इरादों को पूरा करने के लिए, उसने मुझे सप्लीमेंट खरीदने की पेशकश करके मुझे रिश्वत देने की भी कोशिश की.
चौथी शिकायत - बृजभूषण सिंह ने मुझे बुलाया और मेरी टी-शर्ट खींची और अपना हाथ मेरे पेट के नीचे खिसका दिया. मेरी सांस की जांच के बहाने मेरी नाभि पर हाथ रख दिया.
5वीं शिकायत- मैं लाइन में सबसे पीछे थी, तभी गलत तरीके से छुआ, मैने जब दूर जाने की कोशिश की तो कंधे को पकड़ लिया.
छठी शिकायत- तस्वीर के बहाने कंधे पर हाथ रखा, मैने विरोध किया.
पहलवानों ने 15 जून तक आंदोलन किया था रद्द
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. पहलवान यौन उत्पीड़न के मामले में बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. हाल ही में पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की थी. इस दौरान खेल मंत्रालय द्वारा मिले आश्वासन के बाद पहलवानों ने 15 जून तक अपना आंदोलन रद्द कर दिया था.
अनुराग ठाकुर ने दिए थे ये आश्वासन
खेल मंत्री की ओर से पहलवानों को आश्वासन दिया गया था कि 15 जून तक सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की जाएगी और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव जून के अंत तक होंगे. हालांकि, कुश्ती संघ के चुनाव के लिए 6 जुलाई की तारीख तय की गई है. साथ ही अनुराग ठाकुर ने 28 मई को हुए बवाल को लेकर पहलवानों पर दर्ज केस वापस लेने का आश्वासन दिया था.
पुलिस ने 28 मई को पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था
विनेश, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था. पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था. इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे. ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी. इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी. इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था. इसके साथ ही पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट पर मामला भी दर्ज किया था.
चुनावी प्रक्रिया के तहत निर्वाचक मंडल के लिए नाम देने की आखिरी तारीख 19 जून तय की गई है. इसके बाद 22 जून को तैयारी कर सूची जारी की जाएगी. नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 23 जून होगी. वहीं, नामांकन का प्रदर्शन 27 जून को किया जाएगा. इसके बाद 28 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. इस दिन ही लिस्ट भी जारी कर दी जाएगी. 28 जून से लेकर 1 जुलाई तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. इसके बाद 6 जुलाई को चुनाव होगा.
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