घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि भारत, तुर्की के साथ खड़ा है। साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया है। पीएम मोदी ने बेंगलुरु में कहा, 'इस समय तुर्की में आए भूकंप पर हम सभी की दृष्टि बनी हुई है। कई लोगों की मृत्यु और काफी नुकसान की खबरें हैं। तुर्की के आसपास के देशों में भी नुकसान की आशंका है। भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं।'
खबर है कि अकेले सीरिया में ही 100 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने आशंका जताई है कि तुर्की और सीरिया में मौत का आंकड़ा एक हजार के पार जा सकता है।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने जानकारी दी थी कि भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाश और बचाव के लिए टीमें तत्काल भेज दी गई थीं। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा से कम से कम नुकसान के साथ मिलकर जल्द से जल्द निकल आएंगे।' साल 1999 में उत्तर पश्चिम तुर्की में आए भूकंप मं 18 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
एजेंसी के अनुसार, उत्तर पश्चिम सीरिया में विपक्ष के 'सीरियन सिविल डिफेंस' ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को 'विनाशकारी' बताते हुए कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं। 'सीरियन सिविल डिफेंस' ने लोगों से इमारतों से बाहर खुले स्थान पर रहने को कहा है। भूकंप ऐसे समय में आया है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है जिसके गुरुवार तक जारी रहने के आसार हैं।
#BREAKING: Massive 7.7 Magnitude #Earthquake Hits Southern #Turkey & Has Caused Widespread Building Collapses. pic.twitter.com/FrBeGDX9DP
— Sn00pster 🎙️ (@sn00pdad) February 6, 2023
कहा जा रहा है कि तुर्की के मालात्या प्रांत में 23 लोगों की मौत हुई है और 130 इमारतें तबाह हो गई हैं। वहीं, सनलीउर्फा में 17, दियारबकिर में 6 और उस्मानिये में 5 लोग मारे गए हैं। इधर, सीरिया में 42 लोगों की मौत की खबर है। इसके अलावा कहा जा रहा है कि सीरिया और यमन में भी झटके महसूस किए गए हैं। सीरिया में भी कई इमारतें ढह गई हैं।
Source: digital media
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