राजगीर पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच बसा हुआ शहर है। राजगीर एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल का केंद्र बिंदू है। यहां दुनिया का दूसरा ग्लास ब्रिज भा मौजूद है। जो दर्शनार्थियों के लिए पर्यटक का केंद्र बन गया हैं। राजगीर का संबंध बौद्ध धर्म से है।
नालंदा विश्वविद्यालय
प्राचीन भारत में नालंदा विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा का केंद्र माना जाता था। गुप्त काल के पांचवीं सदी में कुमारगुप्त प्रथम के द्वरा इसका निर्मान करवाया गया था। यह विशेष प्रकार के लाल पत्थर से बनाया गया है। जो दर्शकों का ध्यान अपनी और आकर्षित करता है।
वैशाली
यह शहर भगवान महावीर के जन्मस्थान से प्रसिद्ध हैं यहां पर भगवान बुद्ध भी काफी समय व्यतीत किए है। अंतिम बार भगवान बुद्ध ने यहां पर प्रवचन भी दिए थे। यह स्थान जैन तथा बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र है। यहां कई धार्मिक स्थल हैं।
नवलखा पैलेस
बिहार के मधुबनी जिला के राजनगर में स्थित यह नवलखा पैलेस 17 वीं शताब्दी में बनाया गया था। यह एक शाही महल है जो राजा रामेश्वर सिंह के द्वारा बनवाया गया था। इस महल की खासियत यह है कि इसे 9 लाख चांदी के सिक्कों से बनाया गया था। जो बिहार का एक सांस्कृतिक धारोहर है।
बोधगया
दुनिया को मोक्ष प्राप्ती का ज्ञान देने वाले महात्मा बुद्ध को बोधगया में ही पीपल वृक्ष के निचे कठीन तपस्या के बाद ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। आपको बता दें कि वह पीपल का वृक्ष आज भी बोधगया में मौजूद है। यहां देश- विदेश से हर साल लोगों का आना जाना लगा रहता है। यह भी बिहार के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक हैं।
पावापुरी जलमंदीर
यह मंदिर पावापुरी में जल के बीच खूबसूरत तरह से बनाई गई है। इसलिए इसे पावापुरी जलमंदीर कहते हैं। पावापुरी जलमंदीर नालंदा जिला में स्थित हैं जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण स्थान हैं। माना जाता हैं कि महाविर जैन ने यहां पर मोक्ष प्राप्त किए थे। source: digital media
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