इस वीडियो को डीजी प्रिजन यूपी की ओर से ट्विटर हैंडल पर शेयर किया गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि अयोध्या जिला जेल के सुप्रिटेंडेंट शशिकांत मिश्रा राम सूरत जी को सम्मान सहित जेल से बाहर अपनी गाड़ी में बैठाक उन्हें रवाना किया। खुद जेलर साहब राम सूरत को सहारा देते हुए गाड़ी तक लेकर जाते हैं और उन्हें कार में बैठाते हैं। वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया, परहित सरिस धर्म नहीं भाई, 98 वर्षीय श्री रामसूरत जी की रिहाई पर लेने कोई नहीं आय़ा। अधीक्षक जिला जेल अयोध्या श्री शशिकांत मिश्र पुत्रवत अनपी गाड़ी से घर भेजते हुए।
वीडियो में आप देख सकते हैं कि जेलर कहते हैं कि ये है आपका 9500 रुपए जो जमा था, रख लीजिए इसको। हमारे सिपाही जा रहे हैं आपको घर पहुंचाकर आएंगे। अधिकारी पूछते हैं कि आप कहां जाएंगे तो राम सूरत कहते हैं कि अपने मंदिर जाएंगे। इसके बाद जेलर सिपाहियों से कहते हैं कि आप लोग ले जाइए इनको और मंदिर में पहुंचाकर बाबा को आइए। राम सूरत को आईपीसी की धारा 452, 323, 353 के तहत सजा हुई थी।
राम सूरत को 9 अगस्त 2022 में रिहा किया गया था, लेकिन 20 मई 2022 को उन्हें कोरोना हो गया था, जिसके बाद उन्हें 90 दिनों के लिए पैरोल पर भेजा गया था। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को काफी लोग शेयर कर रहे हैं। इस वीडियो को हजारो लोग देख चुके हैं जबकि बड़ी संख्या में लोग इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, किस मामले में और क्यूं जेल में रखा गया? जाते हुए बता रहे हैं मंदिर जाएँगे मतलब मंदिर के पुजारी हैं। कांपते हाथ बता रहे और उम्र बता रही हैं की कोई क्राइम मार पिटाई करने मी सक्षम नहीं हैं। शायद सनातन धर्म के लिए अड़ गये होंगे उसकी सजा इनको मिली।
परहित सरिस धर्म नहीं भाई . 98 वर्षीय श्री रामसूरत जी की रिहाई पर लेने कोई नहीं आया . अधीक्षक जिला जेल अयोध्या श्री शशिकांत मिश्र पुत्रवत अपनी गाड़ी से घर भेजते हुए . @rashtrapatibhvn @narendramodi @myogiadityanath @dharmindia51 pic.twitter.com/qesldPhwBB
— DG PRISONS U.P (@DgPrisons) January 8, 2023
source: digital media
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