Joshimath: जानिए जोशीमठ आपदा पीड़ित परिवारों को कितना मिलेगा मुआवजा..., जानिए जोशीमठ हादसे का अब तक का हर अपडेट...

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पहाड़ी राज्य उत्तराखंड (Uttrakhand) में बीते 27 दिसंबर को प्राकृतिक का रौद्र रुप देखने को मिला. इस आपदा में वहां की जमीने धीरे- धीरे नीचे धंसती जा रही हैं, जिससे वहां के सड़कों और घरों में दरारें पड़ने लगी हैं.  इसकी भयावहता को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तस्वीरें भी जारी की थीं. इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRC) ने जोशीमठ (Joshimath) के जमीनों का के धंसने खुलासा करते हुए बताया कि, 27 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच पहाड़ी जमीन 5.4 सेंटीमीटर धंस गई हैं.

दरअसल इस संबंध में नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर बीते साल दावा किया था कि अप्रैल 2022 और नवंबर 2022 के बीच जोशीमठ में जमीनों में 9 सेंटीमीटर का धीमा धंसाव हो सकता है. मगर साल 2022 के आखिरी हफ्तों में जमीनें तेजी से धंसने लगी. रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान जोशीमठ में जमीनें 5.4 सेमी. तक धंस गईं.

जोशीमठ और चमोली में जमीनों के धंसने से वहां के लोगों में भय और अनहोनी की आशंका से हाहाकार मच गया, जिसके बाद 27 दिसंबर 2022 को जोशीमठ के घरों में दरारें आने के बाद लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी. इसके बाद प्रशासन ने इंजीनियर और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच का आदेश दिया, फिर भी स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने जमीन धंसने की घटना पर अधिक तवज्जो नहीं दी. हालांकी बाद में जोशीमठ के घरों में दरारों के तेजी से इजाफा होने के बाद हालात ज्यादा भयावह हो गए. तब जाकर राज्य और केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान दिया.

नए साल के पहले हफ्ते में 6 जनवरी 2023 तक जोशीमठ मे करीब 500 घरों और इमारतों में दरारें आने से, स्थानीय लोगों में डर बढ़ गया. जिसके बाद राज्य सरकार और केंद्र सरकार की आपदा प्रबंधन संस्थाओं ने प्रभावित घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर निकालने का काम तेज कर दिया.

वहीं 7 जनवरी 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हालात का जायजा लेने जोशीमठ पहुंचे. इस दौरान चमोली के डीएम हिमांषु खुराना ने बताया कि जमीन धंसने की समस्या कुछ ही इलाकों में है. उन्होंने बताया कि सीएम पुष्कर सिहं धामी ने प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं.

बीते 8 जनवरी 2023 को जोशीमठ के हालात को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक हाई लेवल मीटिंग की. इस संबंध में पीएमओ ने पीड़ित परिवारों को जिला प्रशासन से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराने के लिए कहा गया. प्राकृतिक आपदा की भयावहता और पीड़ितों की मदद जैसी कई पहलुओँ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के मुखिया पुष्कर धामी से चर्चा की थी.

9 जनवरी 2023 की शाम जोशीमठ की इमारतों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र की एक टीम पहुंची. टीम ने जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी. जांच टीम के जरिये आपदाग्रस्त इलाके के 478 घरों और 2 होटलों को डेंजर जोन घोषित किया था. वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का फैसला किया. हादसे में 9 जनवरी तक 81 पीड़ित परिवारों को विस्थापित किया गया.

10 जनवरी 2023 को जोशीमठ में 2 होटल गिराए जाने की कार्रवाई को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रोक दिया गया. होटल मालिकों ने कहा कि हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया है. साथ ही उन्होंने प्रशासन से मुआवजे की मांग भी उठाई. वहीं सुप्रीम कोर्ट में इस आपदा को लेकर दायर याचिका पर, कोर्ट की पी़ठ ने अर्जेंट हियरिंग करने से इनकार कर दिया.

11 जनवरी 2023 को जोशीमठ के 723 घरों में दरारें दिखने लगीं. सीएम धामी ने जोशीमठ में प्रभावितों से मुलाकात की और पीड़ित परिवारों को डेढ़ लाख रुपए राहत राशि के रुप में देने का एलान किया. इस संबंध में सीएम धामी बताया कि 50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे. फाइनल मुआवजा क्या होगा, ये बाद में तय किया जाएगा.

12 जनवरी 2023 को जोशीमठ के 50 से ज्यादा अन्य घरों में दरारें देखी गईं, पहले यह आंकड़ा 723 था. आपदा में पीड़ित परिवार के सदस्यों ने बताया कि मुआवजा तय हुए बिना वे अपनी संपत्ति को कैसे छोड़ दें. सीएम धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक की. जहां उन्होंने कहा कि शाम तक प्रभावितों के खाते में 1.5 लाख रुपए पहुंच जाएंगे.                Source: digital media

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