Delhi Noida Border: दिल्ली नोएडा बॉर्डर पर 2 महीने और झेलना पड़ सकता है जाम, एनसीआरटीसी ने MCD को दी ये सलाह...

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चिल्ला बॉर्डर के रास्ते दिल्ली-नोएडा आने जाने वाले लोगों को अभी करीब दो महीने और जाम झेलना पड़ सकता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों का कहना है कि रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए पिलर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। उनकी कोशिश है कि दो महीने के अंदर पिलर को पूरा कर लिया जाए। उसके बाद डिवाइडर किनारे की एक लेन को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा, जिसे अभी पिलर निर्माण के चलते बंद किया गया है।

उधर, निर्माण एजेंसी ने एमसीडी अधिकारियों और टोल एजेंसी को सुझाव दिया है कि वो टोल लेन का थोड़ा लंबा कर लें। नोएडा की तरफ आने वाले वाहन के लिए एक टोल लेन आरक्षित कर दी जाए, जिससे कि पीछे से आ रहे वाहन पहले से टोल लेन में आ सकें।

रैपिड रेल कॉरिडोर निर्माण के चलते चिल्ला बॉर्डर के पास निर्माण कार्य चल रहा है। पिलर निर्माण के चलते एक लेन बंद है। हालांकि तीन से चार लेन खुली हैं, लेकिन उनमें टोल वसूली होने की वजह से जाम लग रहा है।

एनसीआरटीसी अधिकारी के मुताबिक, निर्माण एजेंसी पूरी क्षमता के साथ काम कर रही है। ऐसी स्थिति में अगर जाम लग रहा है तो उसके लिए टोल एजेंसी और एनसीडी को कोई समाधान निकालना चाहिए। पिलर निर्माण के बाद बंद लेने से अपने पैनल हटा लेंगे। उसके बाद फिर सिर्फ बीच में पिलर के ऊपर स्पैन रखने के लिए ही ट्रैफिक को रोकेंगे। अब मौजूदा जाम के लिए एक ही समाधान है कि जिस लेन में टोल वसूली होती है, उसको लंबा कर दिया जाए, जिससे कि नोएडा की तरफ से आने वाले वाहन पहले से टोल लेन में आ सकें।

टोल के नजदीक पहुंचते ही रोके जा रहे वाहन

जाम की एक वजह यह भी है कि टोल प्लाजा पर व्यावसायिक वाहनों से टोल वसूली के लिए कोई सुरक्षित (रिजर्व) लेन नहीं है। जब व्यावसायिक वाहन टोल प्लाजा के नजदीक पहुंचते हैं तो उन्हें अचानक से रोका जाता है। उससे जाम लगता चला जाता है। नियम भी कहता है कि अगर किसी सड़क पर टोल लेना है तो उसका ट्रैफिक प्रभावित नहीं होना चाहिए।

Source: digital media

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