कोर्ट सुनवाई के दौरान क्या तर्क?
अब दावा ये किया गया है कि आरोपी के पिता ने पहले ये धमकी दी, लेकिन फिर तुरंत उस मैसेज को डिलीट भी कर दिया. शिकायतकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि इस शुक्रवार को आरोपी के पिता ने एक मैसेज लिखा कि 'Karma will hit you' और फिर उसे डिलीट कर दिया. इस तरह से एक 72 साल की महिला को ट्रीट किया जा रहा है. अब इस दावे पर कोर्ट ने सिर्फ इतना पूछा कि पीड़िता का नंबर आरोपी के पिता के पास कैसे पहुंचा. इस पर कहा गया कि एयर इंडिया की तरफ से ये सबसे बड़ी गलती की गई है. घटना वाले दिन भी अलग करने के बजाय समझौता करवाने का प्रयास हुआ. शिकायतकर्ता के मुताबिक लगातार उनके क्लाइंट को ऐसे ही धमकी भरे मैसेज मिल रहे हैं, उनके घर पर आ भी कुछ लोग डराने का काम कर रहे हैं.
आरोपी के वकील ने क्या कहा?
इन आरोपों पर कोर्ट में शंकर मिश्रा के वकील ने भी सफाई पेश की है. एक तरफ धमकी वाले सभी आरोपों को खारिज किया गया है तो दूसरी तरफ जोर देकर कहा गया है कि महिला की शिकायत को ही FIR की शक्ल दे दी गई. मनु शर्मा ने अपने मुवक्किल शंकर मिश्र का बचाव करते हुए कहा कि महिला शिकायतकर्ता की शिकायत को ही एफआईआर बना दिया गया. मैं शिकायत को अनदेखा नहीं कर रहा लेकिन कोई भी सरेआम अपने पैंट की जिप खोलेगा तो उसके पीछे वजह क्या होगी? सामने बैठी महिला की उम्र का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. वो 70 साल की और शंकर 34 साल का जो शराब पीकर बेकाबू हो गया था. लेकिन ये सब शराब के नशे में हुआ. शंकर ने सरे आम विमान में पेशाब कर दिया. लेकिन उसमें यौन उत्पीडन की धारा 294 का मामला नहीं बनता. मैं घटना के बाद भागा भी नहीं. धारा 510 जनता के बीच गलत बरताव का आरोप जमानती है.
पुलिस ने क्या बताया है?
शर्मा के वकील ने इस बात की भी जानकारी दी कि 15 हजार रुपये में सेटलमेंट की बात हुई थी. पीड़ित महिला के दामाद ने एक मेल भी भेजा था. उसमें कहा गया था कि टिकट का पूरा रिफंड नहीं दिया तो मीडिया में बात उछाल दी जाएगी. उस मेल के बाद पीड़ित महिला ने पैसा लेने से मना कर दिया था. अब इस मामले में सुनवाई के दौरान पीड़ित और आरोपी का पक्ष तो रखा ही गया, दिल्ली पुलिस की तरफ से भी तर्क दिए गए. पुलिस ने शंकर मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया था. कहा गया था कि वो एक अमीर आदमी है जो अगर जेल से बाहर निकला तो केस को प्रभावित कर सकता है. पुलिस ने कोर्ट को ये जानकारी भी दी कि अब तक जांच के दौरान सात चश्मदीदों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं. चार और लोगों के बयान लिए जाएंगे. तीन से चार क्रू मेंबर और दो यात्रियों को भी जांच में शामिल किया जाएगा.
सुनवाई के दौरान एक वक्त ऐसा भी आया था जब शंकर मिश्रा के वकील ने महिला की अस्मिता पर एक लंबा भाषण दिया. उन्होंने साफ कहा कि आईपीसी की धाराओं में महिला की अस्मिता को लेकर स्पष्टता से कुछ भी नहीं कहा गया है. इस बात पर भी जोर रहा कि आरोपी पहले से ही अपनी हरकत के लिए परिणाम भुगत रहा है, लेकिन वो भागा नहीं है, वो देश छोड़कर नहीं जाने वाला है.
ये पूरा मामला क्या है?
जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना को लेकर महिला यात्री ने अपनी शिकायत में लिखा था, "मैं फ्लाइट AI102 पर अपनी बिजनेस क्लास यात्रा के दौरान हुई भयानक घटना के बारे में अपनी गहरी निराशा व्यक्त करने के लिए लिख रही हूं. यह मेरी अब तक की सबसे दर्दनाक उड़ान रही है. उड़ान के दौरान, दोपहर के भोजन के तुरंत बाद, लाइट बंद कर दी गई थी. जब मैं सोने की तैयारी कर रही थी, तभी नशे में धुत्त एक यात्री उनकी सीट पर आया और उसने पेशाब कर दी. दूसरे यात्रियों ने उसे हटाने की कोशिश की फिर भी वह नहीं माना. उन्होंने एआई केबिन क्रू को इस घटना के प्रति असंवेदनशील बताया. उन्होंने कहा कि क्रू ने उन्हें केवल कपड़े बदलने के लिए बस एक जोड़ी पजामा और चप्पल दी, लेकिन हरकत करने वाले पुरुष यात्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई."