crocodile जैसा कि हमने मगरमच्छ के कई वीडियो सोशल मीडिया पर देखें हैं. वह हमला करने के पहले कई घंटों से घात लगाए बैठे होते हैं और जैसे ही मौका मिलता है तो फुर्ती से हमला कर देते हैं . हालांकि, जब उनका पेट भरा होता है तो शांत-चित अवस्था में चले जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि मगरमच्छ ठंडे खून वाले जीव हैं. क्या होता है जब तापमान नीचे चला जाता है और सूरज की किरणें ज्यादा नहीं होती हैं? सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आपकी आंखें चकमका जाएंगी. ऐसी ठंड पड़ी कि नदी का पानी जम गया और उसमें मौजूद एक मगरमच्छ का जबड़ा फंस गया.
जमी हुई झील से मगरमच्छ को बाहर निकालने का वीडियो
ठंड के मौसम में मगरमच्छ चुपचाप शांत चित अवस्था में चले जाते हैं. मगरमच्छ की मदद करने वाले एक शख्स के एक नए वीडियो ने इंटरनेट पर कई लोगों के फैंस को हैरान कर दिया है. तंसु येजेन द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स ने मगरमच्छ की जान बचाने के लिए जमी हुई झील के चारों तरफ हथौड़ा चलाता है. मगरमच्छ का सिर पानी के बाहर निकला होता है और बाकी का हिस्सा ठंडे पानी के नीचे होता है. वीडियो में, जॉर्ज हावर्ड नाम के शख्स ने वॉइस-ओवर किया, जिसने बताया कि वह जीवों को मुक्त करने की कोशिश नहीं कर रहा था, बल्कि उनके शरीर के चारों ओर जमी बर्फ को पिघलाकर उन्हें आराम देने की कोशिश कर रहा था.
Alligators survive in frozen swamps by sticking their noses through the ice to breathe. Reptiles shut down their metabolism, and they don't need to eat their heart rate slows down, their digestive system slows down, and they just sit and wait for the heat. pic.twitter.com/YAQiSwlOAc
— Tansu YEĞEN (@TansuYegen) December 16, 2022
अपनी जान बचाने के लिए मगरमच्छ करते हैं ऐसा
वॉयस ओवर करने वाला शख्स जॉर्ज हॉवर्ड दक्षिणी उत्तरी कैरोलिना में द स्वैम्प पार्क में पार्क मैनेजर हैं. उन्होंने जीव पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, "यह बस एक जीवित रहने की टेक्निक है. मेरा मतलब है कि ये जीव शानदार सर्वाइवर हैं. यह इसका एक उदाहरण है." पोस्ट में मगरमच्छ के बारे में कुछ जानकारी भी साझा की गई है और लिखा, "घड़ियाल जमे हुए दलदल में सांस लेने के लिए बर्फ के माध्यम से अपनी नाक चिपका कर जीवित रहते हैं. मगरमच्छ अपने मेटाबोलिज्म को बंद कर देते हैं, और उन्हें खाने की आवश्यकता नहीं होती है, उनकी हृदय गति धीमी हो जाती है, उनका पाचन तंत्र धीमा हो जाता है, और वे बस बैठते हैं और गर्मी का इंतजार करते हैं.'
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