टूरिस्ट प्लेस: भारत की इन खूबसूरत जगहों पर यूं ही नहीं घुस सकते हैंभारतीय, लेना पड़ता है परमिट

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ऐसे बहुत से देश हैं जहां जाने के लिए भारतीय को वीजा की जरूरत पड़ती है. बिना वीजा के इन देशों में भारतीय को एंट्री नहीं मिलती है लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में भी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां जाने के लिए खुद भारतीयों को भी परमिशन की जरूरत होती है. इसे इनर लाइन परमिट या ILP भी जाता है. इनर लाइन परमिट का नियम कोई नया नहीं है. इनर लाइन परमिट की जरूरत बॉर्डर के पास स्थित या सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील जगहों में घूमने के लिए चाहिए होती है. ऐसा इसलिए है ताकि इन जगहों पर लोगों की भीड़ को आने से रोका जा सके और इन जगहों में रहने वाले आदिवासियों के कल्चर को सुरक्षित रखा जा सके.

ऐसे में आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाने के लिए खुद भारतीयों को भी परमिट की जरूरत पड़ती है और बिना परमिट के भारतीयों को यहां एंट्री नहीं मिल सकती.

Arunachal Pradesh (PC: Getty Images)

 अरुणाचल प्रदेश- अरुणाचल प्रदेश की सीमा म्यांमार, भूटान और चीन को छूती है. इसलिए इस क्षेत्र को काफी सेंसेटिव माना जाता है. लोकल लोगों के अलावा किसी भी व्यक्ति को यहां आने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत पड़ती है. जो लोग यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, वे संरक्षित क्षेत्रों के लिए परमिट नई दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी और शिलॉन्ग में अरुणाचल प्रदेश सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर से प्राप्त कर सकते हैं. सिंगल परमिट और ग्रुप परमिट की कीमत प्रति व्यक्ति 100 रुपए है और यह परमिट 30 दिनों के लिए मान्य रहता है. यहां जाने के लिए आप ऑनलाइन भी परमिट ले सकते हैं. 

 

Nagaland (PC: nagalandtourism)

नागालैंड- नागालैंड की सीमा  म्यांमार को छूती है और यहां 16 तरह के आदिवासी समुदाय रहते हैं. यहां रहने वाले आदिवासी समुदायों के लोगों की अपनी अलग भाषा, रिवाज और खानपान है. जो लोग इस जगह पर घूमने के लिए जाना चाहते हैं, उन्हें इनर लाइन परमिट की जरूरत होती है. कोहिमा, दीमापुर, नई दिल्ली, मोकोकचुंग, शिलॉन्ग और कोलकाता के डिप्टी कमीश्नर ऑफिस से यहां जाने का परमिट प्राप्त किया जा सकता है. इसके अलावा, आप परमिट ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं.

Mizoram (PC: Getty Images)

मिजोरम- मिजोरम की सीमा म्यांमार और बांग्लादेश को छूती है और यह कई आदिवासी समुदायों का घर भी है. इस खूबसूरत जगह पर घूमने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत होती है. जिसे आप सिलचर, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलॉन्ग और नई दिल्ली में मिजोरम सरकार के संपर्क अधिकारी से प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, जो लोग इस राज्य में फ्लाइट से जा रहे हैं वो आइजोल के लेंगपुई एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिकारियों से स्पेशल पास भी ले सकते हैं. मिजोरम जाने के लिए 2 तरह के परमिट उपलब्ध हैं- एक परमिट सिर्फ 15 दिनों के लिए मान्य होता है जबकि दूसरा परमिट 6 महीने के लिए मान्य होता है. 

Sikkim (PC: Getty Images)

सिक्किम के संरक्षित इलाके- अगर आप सिक्किम के संरक्षित इलाकों में घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इनर लाइन परमिट की जरूरत होती है. यात्रियों को नाथूला पास, त्सोमगो-बाबा मंदिर ट्रिप, दज़ोंगरी ट्रेक, सिंगालीला ट्रेक, युमेसमडोंग, गुरुडोंगमार झील ट्रिप, युमथांग और जीरो पॉइंट ट्रिप, और थंगु-चोपटा वैली ट्रिप के लिए परमिट की आवश्यकता होगी. परमिट पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग (Tourism & Civil Aviation Department) द्वारा जारी किया जाता है, इसे आप बागडोगरा एयरपोर्ट और रंगपोचेकपोस्ट से प्राप्त कर सकते हैं. स्पेशल परमिट पाने के लिए आप टूर ऑपरेटरों या ट्रैवल एजेंट्स की मदद भी ले सकते हैं.

Lakshadweep (PC: Getty Images)

लक्षद्वीप- लक्षद्वीप जाने के लिए भी यात्रियों को परमिट की जरूरत पड़ती है.  परमिट के लिए आपको अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन से क्लीयरेंस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है इसके अलावा आपके दस्तावेजों की जांच भी की जाती है. परमिट मिलने के बाद, आपको अपना क्लीयरेंस सर्टिफिकेट लक्षद्वीप में स्टेशन हाउस ऑफिसर के पास जमा करना होगा. यहां जाने के लिए आप ऑनलाइन परमिट प्राप्त कर सकते हैं. 

Manipur (PC: Getty Images)

मणिपुर- मणिपुर में जाने के लिए भी भारतीयों को परमिट की जरूरत होती है. यहां जाने से पहले अपने साथ पासपोर्ट साइज फोटो, और अपना मान्य पहचान पत्र जरूरत लेकर जाएं.

 

Ladakh (PC: Getty Images)

लद्दाख की कुछ जगहों पर जाने के लिए भी लेना पड़ेगा परमिट- लद्दाख की सीमा चीन और पाकिस्तान को छूती है जिस कारण इसे काफी सेंसेटिव क्षेत्र माना जाता है. पैंगोंग, खरदुंगला पास और नुब्रा वैली जैसा जगहों पर जाने के लिए आपको स्पेशल परमिट की जरूरत होती है.

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