साथ ही पीएम मोदी ने पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हिंसा पर भी खुलकर बात की।
बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है, उसे देखते हुए चिंता करना वाजिब PM मोदी ने कहा बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है, उसे देखते हुए चिंता करना वाजिब है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्दी सामान्य होंगे। खासतौर पर 140 करोड़ भारतीयों की चिंता है कि वहां के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि पड़ोसी देश शांति से रहें और विकास की ओर बढ़ें। हम बांग्लादेश के विकास के लिए चिंतित हैं और कुछ भी सकारात्मक हो, इसके लिए हम साथ हैं।
''जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, ऊंच-नीच का कारण बन जाते हैं...
मोदी ने समान नागरिक संहिता (UCC) और इसके बारे में उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लेख किया तथा इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ''देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।'' उन्होंने कहा, ''जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, ऊंच-नीच का कारण बन जाते हैं... उन कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता। अब देश की मांग है कि देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो।'
मैं दुनिया को अपने देश के लोगों की ताकत के बारे में बताना चाहता हूं। वहीं देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की जोरदार वकालत करते हुए भारत को 'विकसित राष्ट्र' बनाने का संकल्प व 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का सपना साकार करने का आह्वान किया और साथ ही बांग्लादेश में हिन्दुओं व अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा पर चिंता भी जताई।
आगे उन्होंने कहा जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती से निपटने के भारत के प्रयासों ने दुनिया को ''आश्वस्त और आश्चर्यचकित'' किया है। पीएम मोदी ने कहा, ''मैं दुनिया को अपने देश के लोगों की ताकत के बारे में बताना चाहता हूं। मेरे देश और इसके लोगों ने वह हासिल किया है जो अन्य जी20 देशों ने नहीं किया है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ''हमने पेरिस समझौते के तहत निर्धारित जलवायु लक्ष्यों को समय से पहले पूरा कर लिया है। जी20 देशों में भारत ऐसा करने वाला एकमात्र देश है और हमें इस पर गर्व है।''
बड़ी संख्या में वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करने की इच्छुक PM मोदी ने कहा कि कई वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती हैं। उन्होंने साथ ही राज्य सरकारों से कहा कि वे विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करें। मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर यहां लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में उन्होंने जिन लोगों से मुलाकात की, उनमें से अधिकांश भारत में निवेश करना चाहते हैं।
देश को 'डिजाइन इन इंडिया' और 'डिजाइन फॉर द वर्ल्ड' पर काम करने की जरूरत मोदी ने यह भी कहा कि देश को 'डिजाइन इन इंडिया' और 'डिजाइन फॉर द वर्ल्ड' पर काम करने की जरूरत है। 'स्किल इंडिया' कार्यक्रम के माध्यम से भारत ने विकास और एक नई गति को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि 'वोकल फॉर लोकल' भारत के अर्थशास्त्र का मंत्र बन गया है और 'एक जिला, एक उत्पाद' के साथ, प्रत्येक जिला अब अपने उत्पादन पर गर्व करता है। मोदी ने कहा कि देश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में भी भरपूर प्रयास कर रहा है।
कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत PM मोदी ने रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।'' मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को आधुनिक पद्धतियां अपनाने के लिए हरसंभव मदद दे रही है। उन्होंने ड्रोन खरीदने के लिए आसान ऋण को भी ऐसा ही एक उपाय बताया।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए दी जाने वाली सजा के बारे में व्यापक चर्चा की जरूरत PM ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के लिए दी जाने वाली सजा के बारे में व्यापक चर्चा की जरूरत है ताकि परिणाम का खौफ़ पैदा हो। आगे कहा कि उनकी सरकार ने ''महिला नीत विकास मॉडल'' पर काम किया है लेकिन वह अब भी महिलाओं के साथ बलात्कार और हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ लोगों में गुस्सा है।
लाल किले से मैं अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं '' उन्होंने कहा, '' रक्षा क्षेत्र को देखें - वायु सेना, सेना, नौसेना, अंतरिक्ष क्षेत्र, हम हर जगह महिलाओं की ताकत देख रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर कुछ परेशान करने वाली चीजें भी सामने आती हैं।'' प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, '' आज लाल किले से मैं अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें अपनी माताओं, बहनों और बेटियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा।
आम लोगों में इन कारणों से गुस्सा है। मैं उस गुस्से को महसूस कर सकता हूं।'' देश को ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए और अपराधियों में परिणाम के प्रति खौफ़ पैदा होना चाीहिए। उन्होंने कहा, '' वक्त की मांग है कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के लिए मिलने वाली सजाओं पर व्यापक चर्चा हो ताकि परिणामों का खौफ़ पैदा हो। जो लोग ऐसे पाप करते हैं उन्हें पता होना चाहिए कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। यह डर होना जरूरी है।''
लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में उन्होंने बुनियादी अवसंरचना के विकास, नयी प्रौद्योगिकी के प्रयोग के साथ साथ आम नागरिक के जीवन को आसान बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और इस दिशा में उठाये गये कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने भ्रष्टाचार और महिलाओं के प्रति अपराध रोकने और जघन्य अपराधियों को सजा दिला कर अपराध के प्रति खौफ पैदा करने की जरूरत पर बल दिया।
श्री मोदी ने समान व सेक्युलर सिविल कोड तथा एक देश एक चुनाव व्यवस्था लागू करने की जरूरत पर बल दिया और राज्यों में आर्थिक सुधार तथा कानून व्यवस्था पर ध्यान देकर निवेशकों के अनुकूल वातावरण बनाये जाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामने चुनौतियां हैं पर चुनौतियों से खेलना का भारत के लोगों का खेल है।
प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
-जीवन को आसान बनाने का मिशन: प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन मोड पर 'जीवन को आसान बनाने' के अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने व्यवस्थित मूल्यांकन और बुनियादी अवसंरचना और सेवाओं में सुधार के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की बात कही।
-नालंदा भावना का पुनरुद्धार: प्रधानमंत्री ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को प्रस्तुत करते हुये प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की भावना को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया।
-मेड इन इंडिया चिप-सेमीकंडक्टर उत्पादन: मोदी ने सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक नेता बनने के लिये भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और कहा कि हम अपने उपकरणों में अपना माइक्रो चिप क्यों न लगायें।
-स्किल इंडिया: बजट 2024 का जिक्र करते हुये, प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं को प्रशिक्षित करने और दुनिया की कौशल राजधानी बनने के लिये सरकार द्वारा घोषित ऐतिहासिक पहलों पर प्रकाश डाला।
-औद्योगिक विनिर्माण का केंद्र: प्रधानमंत्री ने अपने विशाल संसाधनों और कुशल कार्यबल का लाभ उठाते हुये भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने की कल्पना की।
-भारत में डिजाइन, दुनिया के लिये डिजाइन: प्रधानमंत्री ने स्वदेशी डिजाइन क्षमताओं की प्रशंसा की और ऐसे उत्पाद बनाने का आग्रह किया जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करते हों, इस मुहावरे को गढ़ते हुये।
– वैश्विक डिजिटल गेमिंग (खेल) बाजार में अग्रणी: मोदी ने कहा कि भारत को मेड इन इंडिया गेमिंग उत्पादों के साथ आना चाहिये और अपनी समृद्ध प्राचीन विरासत और साहित्य का लाभ उठाना चाहिये, वैश्विक गेमिंग बाजार का नेतृत्व करना चाहिये, दुनिया भर में अपनी पहचान बनानी चाहिये।
– ग्रीन जॉब्स और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: मोदी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के भारत के प्रयासों में ग्रीन जॉब्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश का ध्यान अब ग्रीन ग्रोथ (स्वच्छ आर्थिक वृद्धि) और ग्रीन जॉब्स (स्वच्छ प्रौद्योगिकी वाले उद्योगों में रोजगार) पर है।
– स्वस्थ भारत मिशन: मोदी ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये भारत को ‘स्वस्थ भारत’ के रास्ते पर चलना चाहिये।
– राज्य स्तरीय निवेश प्रतियोगिता: प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर के निवेशक भारत आना चाहते हैं। उन्होंने राज्य सरकारों से निवेश आकर्षित करने, सुशासन का आश्वासन देने और कानून व्यवस्था की स्थिति में विश्वास सुनिश्चित करने के लिये स्पष्ट नीतियां स्थापित करने का आह्वान किया।
– वैश्विक मानक के रूप में भारतीय मानक: पीएम मोदी ने गुणवत्ता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए पहचाने जाने की भारत की आकांक्षा पर बात की और कहा कि भारतीय मानकों को अंतरराष्ट्रीय मानक बनने की आकांक्षा रखनी चाहिये। उन्होंने विश्व बाजार के लिये भारत में उत्पाद डिजाइन पर बल दिया।
-जलवायु परिवर्तन लक्ष्य: प्रधानमंत्री ने 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 देशों में पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने वाला एकमात्र देश है।
-चिकित्सा शिक्षा विस्तार: प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्षों में 75,000 नयी चिकित्सा सीटें जोड़ने की योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य देश की चिकित्सा शिक्षा क्षमता को बढ़ाना और स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
– राजनीति में नये लोगों को शामिल करना: प्रधानमंत्री ने देश भर से ऐसे एक लाख प्रतिभावान एवं समर्पित युवाओं को पंचायत से लेकर संसद तक राजनीतिक में लाने का आह्वान किया, जिनके परिवारों में राजनीति का कोई इतिहास नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य भाई-भतीजावाद और जातिवाद की बुराइयों से लड़ना और भारत की राजनीति में नये लोगों को शामिल करना है।
– भारत शेष दुनिया के लिये समाधान है, संकट नहीं: प्रधानमंत्री ने विश्व समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत का विकास दुनिया के लिये संकट उत्पन्न नहीं करेगा। भारत पहले जब समृद्ध था, तब भी किसी के लिए संकट नहीं बना।
बंगलादेश: मोदी ने बंगलादेश में शीघ्र स्थिति सामान्य होने की कामना की, वहां हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा किये जाने पर बल दिया और कहा कि भारत अपने इस पड़ोसी के विकास में उसका साथी बना रहने की इच्छा रखता है।
इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने ओलंपिक खेलों में मेडल जीतने वाले भारतीय खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा कि इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है कि वर्ष 2036 का ओलंपिक हिंदुस्तान की धरती पर हो.
मेडल विनर्स को दी बधाई
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान वहां उपस्थित ओलंपिक विजेताओं का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ''आज हमारे साथ तिरंगे झंडे के नीचे वे नौजवान बैठे हैं जिन्होंने ओलंपिक की दुनिया में भारत का परचम लहराया है. मैं अपने देश के सभी खिलाड़ियों को 140 करोड़ देशवासियों की तरफ से बधाई देता हूं. हम नए सपने, नए संकल्प और पुरुषार्थ के साथ नए लक्ष्यों की तरफ बढ़ेंगे.''
पेरिस ओलंपिक में मिले 5 ब्रॉन्ज
भारत को पेरिस ओलंपिक में एक सिल्वर मेडल के अलावा 5 ब्रॉन्ज भी मिले. जेवलिन थ्रो में 'गोल्डन बॉय' नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. उन्होंने पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीता था. इस बार पर दूसरे स्थान पर रहे. शूटर मनु भाकर ने 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते. उन्होंने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में तीसरा स्थान हासिल किया. इसके अलावा 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर ब्रॉन्ज पर निशाना लगाया. शूटर स्वप्निल कुसाले ने भी ब्रॉन्ज अपने नाम किया. मेंस हॉकी टीम और रेसलर अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
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