बिहार के बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। बता दें कि बीजेपी से बागी होकर पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय नामांकन किया, जिससे एनडीए कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ गईं। अब पवन सिंह के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निकाले जाने पर उपेंद्र कुशवाहा को राहत मिली है।
लोकसभा चुनाव 2024 में पवन सिंह को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। मगर उन्होंने वहां से चुनाव न लड़ने की बात कहकर टिकट लौटा दिया। मूलरूप से भोजपुर जिले के रहने वाले पवन सिंह ने दक्षिण बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय पर्चा भर दिया। काराकाट में सातवें चरण में 1 जून को मतदान होना है। पवन के आने से काराकाट में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
पीएम मोदी की काराकाट में 25 को चुनावी रैली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 25 मई को काराकाट में एनडीए की चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह आरएलएम कैंडिडेट उपेंद्र कुशवाहा के समर्थन में वोट मांगते हुए नजर आएंगे। पवन सिंह का नामांकन मंजूर होने के बाद पीएम मोदी के दौरे से पहले उनको बीजेपी से निकाले जाने की अटकलें पहले से लगाई जा रही थीं।
काराकाट लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
दक्षिण बिहार की काराकाट लोकसभा सीट पर एनडीए से उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ महागठबंधन के खेमे से सीपीआई माले के टिकट पर राजाराम कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, पवन सिंह के निर्दलीय पर्चा भरने से यहां जंग त्रिकोणीय हो गई है। भोजपुरी स्टार की रैलियों में उमड़ रही भीड़ से एनडीए नेताओं की चिंता बढ़ी हुई है। कुशवाहा को अपने वोटबैंक खिसकने का डर ज्यादा सता रहा है। हालांकि, पवन सिंह चुनावी रैलियों की भीड़ को वोटों में कितना तब्दील कर पाते हैं, यह तो 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।
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