पूछताछ में पता चला कि आरोपी महिला के 15 वर्षीय बेटे से भी कुकर्म करता था। दिल्ली से ट्रांसफर होकर आए मुकदमे की जांच में महिला और उसके प्रेमी की दरिंदगी सामने आने के बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है।
दिल्ली में रहने वाली एक महिला पति और बेटा-बेटी के साथ रहती थी। कोराना काल में पति का देहांत हो गया। इसके बाद वह बेटी और बेटे के साथ दिल्ली से सटे लोनी बॉर्डर क्षेत्र में किराए के मकान में रहने लगी। इस दौरान महिला के मकान मालिक से संबंध हो गए। पुलिस के मुताबिक मकान मालिक ने महिला को देह व्यापार में धकेल दिया। इतना ही नहीं, वह महिला की बेटी और बेटे को भी हवस का शिकार बनाने लगा था। इसकी जानकारी महिला को भी थी, लेकिन वह प्रेमी मकान मालिक को रोकने की बजाय बच्चों पर चुप रहने का दबाव डालती थी और उन पर हैवानियत भी दिखाती थी। मां और उसके प्रेमी की यातना से तंग आकर बेटा तो अपने नामा के पास जाकर रहने लगा, जबकि बेटी को सबकुछ सहना पड़ रहा था।
मानवाधिकार आयोग के आदेश पर दर्ज हुआ केस
बताया जा रहा है कि दुष्कर्म पीड़ित बच्ची ने किसी को आपबीती बताई, जिसके बाद मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई। आयोग के आधार पर दिल्ली पुलिस ने गैंगरेप का केस दर्ज कर लिया, लेकिन घटनास्थल गाजियाबाद का बताकर मुकदमे को लोनी बॉर्डर थाने में स्थानांतरित कर दिया। पुलिस ने बच्ची से संपर्क कर जानकारी जुटाई तो मां और उसके प्रेमी की हैवानियत सामने आई।
बच्चे बोले- मां नाखून और जीभ नोंचती थी
पुलिस के मुताबिक बच्ची और उसके भाई से जब आरोपी का सामना कराया गया तो वह उसे देखकर बुरी तरह सहम गए। बच्ची ने पुलिस को यह भी बताया कि वह दुष्कर्म का विरोध करती थी तो मां प्लास लेकर नाखून और जीभ नोंचती थी। मां उसे भी देह व्यापार में धकेलने की बात कहती थी और चोरी का आरोप लगाकर मारती-पीटती थी। बच्ची ने बताया कि मां का प्रेमी उसके भाई के साथ भी गलत काम करता था। बच्ची और उसके भाई ने बताया कि वह मां के प्रेमी को चाचा कहते थे। पुलिस ने मां और उसके प्रेमी को हिरासत में ले लिया है। डीसीपी ग्रामीण का कहना है कि बच्ची दिल्ली सीडब्ल्यूसी के पास है। मजिस्ट्रेट के समक्ष उसके बयान दर्ज कराने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
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