22 साल बाद जोगी बन भिक्षा मांगने गांव पहुंचा बेटा फफक पड़ा गांव, जानें पूरा मामला

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22 साल बाद जोगी बन भिक्षा मांगने गांव पहुंचा बेटा फफक पड़ा गांव, जानें पूरा मामला

Ajab Gajab Desk 
अमेठी (Amethi)! अमेठी में 22 साल पहले घर से लापता हुआ लड़का जोगी के भेष में घर पहुंचा तो परिजन भावुक हो गए. वे फूट-फूटकर रोने लगे. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

वीडियो में लड़का जोगी भेष (yogi disguise) में सारंगी बजाते हुए भजन-कीर्तन गा रहा है. आसपास काफी लोग मौजूद हैं. घरवालों के लाख रोकने पर भी जोगी बेटा नहीं रुका. वह अपने सफर पर आगे बढ़ गया.

दरअसल, पूरा मामला जायस थाना क्षेत्र के खरौली गांव का है. जहां के रहने वाले रतिपाल सिंह अपनी पहली पत्नी और एक लड़के के साथ दिल्ली में रहते थे. इस बीच उनकी पहली की पत्नी की मौत हो गई. इसके बाद उन्होंने भानुमति से दूसरी शादी कर ली. काफी समय तक रतिपाल पहली पत्नी के लड़के, भानुमति और उसकी बेटी के साथ रहे.

लेकिन 2002 में रतिपाल की पहली की पत्नी का लड़का पिंकू सिंह घर छोड़कर गायब हो गया. गायब होने के पहले कंचा-गोली खेलने की जिद पर रतिपाल ने उसको मारा-पीटा और डांटा था. सौतेली मां ने भी जमकर फटकार लगाई थी. जिससे आहत होकर पिंकू ने घर छोड़ दिया. तब उसकी उम्र 11 साल थी. काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला.

उन्होंने पिंकू के शरीर में लगी चोट से उसको पहचान लिया. बेटे को जोगी के भेष में और सही सलामत देख सभी की आंखो में आंसू आ गए. परिजन रोने लगे. उन्होंने पिंकू से घर पर ही रुकने के लिए निवेदन किया लेकिन वो नहीं माना. पिंकू भिक्षा लेकर वहां से चला गया.

वीडियो में रोते दिखे परिजन
22 साल बाद जोगी बनकर घर लौटे पिंकू सिंह ने परिजनों और गांव वालों को मार्मिक गीत सुनाया तो वो रोने लगे. वीडियो में पिंकू के बगल में बैठकर उसकी बुआ फूट-फूट कर रो रही है. आसपास लोगों की भीड़ है. भावुक कर देने वाला ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है.

जोगी भेष में पिंकू सिंह (बीच में)परिजनों ने बताया की 11 साल के उम्र में गायब हुए पिंकू की मुलाकात दिल्ली में किसी साधु से हो गई थी. जिसके बाद वह उन लोगों के साथ सन्यास का जीवन बिताने लगा. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह अपने घर भिक्षा लेने के लिए पहुंचा था.

वहीं, पिंकू की दादी उर्मिला ने कहा कि शरीर में बने चोट के निशान से लड़के को पहचाना गया. हमारे नाती ने भी हमको पहचान लिया. उसने हम लोगों को भजन सुनाया, जिसे सुनकर सब रोने लगे. उसको बहुत रोका गया लेकिन वो नहीं रुका.

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