आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, एंटी इंडिया स्लोगन लिखने के लिए पंजाब से दो लोग आए थे. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी.
G-20 की तैयारियों के बीच आतंकी संगठन SFJ की करतूत, दिल्ली में मेट्रो स्टेशनों पर लिखे भारत विरोधी नारे
दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया कि चार मेट्रो स्टेशन और एक बिल्डिंग को लेकर बनाया गया था. यह घटना 26 अगस्त की देर शाम आठ से 11 बजे के बीच की है. इस घटना के बाद आतंकी पन्नू ने वीडियो जारी किया था और इसकी जानकारी दी थी.
पंजाब से दोनों आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने बताया, "इस घटना में दो आरोपी हैं, प्रीतपाल और राजविंदर सिंह. ये दोनों ही पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले हैं. दोनों को पंजाब से हिरासत में लिया गया है. प्रीतपाल सिंह पंजाब की लोकल फैक्ट्री में काम करता है, जोकि सोशल मीडिया एप सिग्नल के जरिए एक साल से पन्नू के संपर्क में था. पुलिस के मुताबिक, पन्नू ने इस घटना के लिए दोनों को सात हजार डॉलर देने का वादा किया था, लेकिन उसने सिर्फ 3500 डॉलर ही दिए. इसके अलावा एक लाख रुपये उसने पहले भी प्रीतपाल को भेजे थे, जब उसके घर में कोई बीमार पड़ गया था."
दिल्ली के मेट्रो स्टेशनों पर लिखे थे नारे
बता दें कि दिल्ली के आठ मेट्रो स्टेशनों को निशाना बनाते हुए उनकी दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे गए थे. इसके साथ ही लिखा गया कि खालिस्तान जिंदाबाद और दिल्ली-पंजाब भारत का हिस्सा नहीं हैं.
खालिस्तान समर्थकों ने शिवाजी पार्क, मादीपुर, पश्चिम विहार, उद्योग नगर, महाराजा सूरजमल स्टेडियम, गवर्नमेंट सर्वोदय बाल विद्यालय नांगलोई, पंजाबी बाग और नांगलोई मेट्रो स्टेशन पर यह नारे लिखे थे. हालांकि सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी नारे मिटा दिए और केस दर्ज कर लिया था.
क्या है सिख फॉर जस्टिस संगठन?
अमेरिका में बने सिख फॉर जस्टिस की शुरुआत साल 2007 में हुई थी. इस संगठन का मुख्य एजेंडा खालिस्तान बनाने का है. अमेरिका में वकील और पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ले चुका गुरपतवंत सिंह पन्नू SFJ का चेहरा है, जो लगातार सुर्खियों में बना रहता है. गणतंत्र दिवस से पहले गुरपतवंत सिंह ने ही हिंसा को लेकर धमकी दी थी. सिख फॉर जस्टिस संगठन ने ही पिछले साल रेफरेंडम 2020 का आयोजन करने की कोशिश की थी, जिसमें दुनियाभर में सिखों से शामिल होने को कहा गया और खालिस्तान बनाने के कैंपेन को बढ़ावा देने की कोशिश की गई.
भारत में लगा है प्रतिबंध
साल 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगाया गया और इस संगठन पर भारत में देशविरोधी कैंपेन चलाने का आरोप लगाया गया. UAPA एक्ट के तहत इस संगठन पर बैन लगा था. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, सिख फॉर जस्टिस संगठन पंजाब में लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहा है. साथ ही दुनिया के कई स्थानों में खालिस्तान की मांग को लेकर प्रदर्शन किए गए जिससे भारत की छवि धूमिल हुई है.
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
गुरपतवंत सिंह पन्नू पंजाब के खानकोट का रहने वाला है. उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है. इसके बाद वह विदेश चला गया था. तब से ही वह कनाडा और अमेरिका में रह रहा है. वह विदेश में रहकर ही खालिस्तानी मूवमेंट चला रहा है. इसमें उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद मिलती है. उसने सिख फॉर जस्टिस संगठन का गठन किया है.
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