चांद की सतह पर उकेर रहा भारत के निशान
बता दें कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग के करीब 2.5 घंटे बाद ही प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आ गया था। लेकिन इसरो ने इस वीडियो को दो दिन बाद जारी किया है। इसरो का रोवर चांद पर चहलकदमी कर रहा है और लगातार अहम जानकारी जुटा रहा है। रोवर 23 तारीख से अगले 14 दिन तक चांद की सतह पर घूमकर परीक्षण कर रहा है और डाटा जुटा रहा। बता दें कि प्रज्ञान रोवर जैसे-जैसे चांद की सहत पर आगे बढ़ रहा है, वह अपने पहियों से इसरो और भारत के प्रतीक अशोक स्तंभ के निशान उकेर रहा है।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 24, 2023
All activities are on schedule.
All systems are normal.
🔸Lander Module payloads ILSA, RAMBHA and ChaSTE are turned ON today.
🔸Rover mobility operations have commenced.
🔸SHAPE payload on the Propulsion Module was turned ON on Sunday.
धूल शांत होने के बाद बाहर निकला रोवर
23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग के करीब 2.5 घंटे बाद ही प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आ गया था। लेकिन इसरो ने इस वीडियो को दो दिन बाद जारी किया है। विक्रम लैंडर से रोवर को 2.5 घंटे बाद इसलिए निकाला गया था क्योंकि लैंडर के टचडाउन से आस-पास काफी धूल उड़ने लगी थी। जब तक ये धूल शांत नहीं हो जाती, तब तक रोवर को लॉन्च नहीं किया जा सकता है। अगर चांद पर धूल शांत होने के पहले ही रोवर को बाहर निकाला जाता तो इसमें लगे कॉम्पलैक्स कैमरा और बेहद संवेदनशील सेंसर खराब हो सकते थे। चांद की ग्रैविटी पृथ्वी की ग्रैविटी से बेहद कम होती है, लिहाजा वहां धूल शांत होने में घंटों लग जाते हैं।
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