बता दें कि अचानक चेकिंग के दौरान ए अय्यनार नाम के बस कंडक्टर के कलेक्शन बैग से 7 रुपए ज्यादा मिले थे। इसी के साथ उसने एक यात्री को टिकट भी जारी नहीं किया था, जिसके चलते 10 दिसंबर 2015 को उसको नौकरी से बर्खास्त कर दिया। तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (विल्लुपुरम डिवीजन) ने कहा कि यह 'राजस्व हानि' थी।
हाईकोर्ट ने TNSTC को लगाई फटकार
वहीं अब इस मामले में फैसला सुनता हुए मद्रास हाईकोर्ट ने TNSTC को फटकार लगाते हुए कंडक्टर की हफ्तेभर में बहाली का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि कंडक्टर को जो सजा दी गई, उसने कोर्ट की अंतरात्मा को झकझोर दिया।
जस्टिस पीबी बालाजी ने कही ये बात
जस्टिस पीबी बालाजी ने कहा, "किसी भी तरह से यह कल्पना नहीं की जा सकती कि 7 रुपए की अधिक राशि ले जाने से निगम के राजस्व को नुकसान होगा। दी गई सजा अपराध के प्रति बेहद असंगत है और यह अदालत की अंतरात्मा को झकझोर देती है।"
महिला ने खो दिया था टिकट
अय्यनार पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने टिकट राशि के रूप में 5 रुपए लेने के बाद एक महिला को टिकट जारी नहीं किया। कुल मिलाकर उनके बैग में ₹7 'अतिरिक्त' थे और इसलिए निगम को नुकसान हुआ और एक जिम्मेदार कर्मचारी के रूप में कार्य करने में असफल रहे। आरोपों से इनकार करते हुए अय्यनार के वकील ने तर्क दिया कि कंडक्टर ने तारीख पर सभी यात्रियों को टिकट जारी किए थे और जिस महिला ने ₹5 का टिकट खरीदा था, उसने इसे खो दिया।
हफ्तेभर में बहाली के आदेश
जुर्माने से बचने के लिए उसने सारा दोष अय्यनार पर मढ़ दिया जैसे कि उसने टिकट ही नहीं जारी किया हो। वकील एलमभारती ने कहा, उनके अलावा किसी अन्य यात्री को ऐसी कोई शिकायत नहीं थी। अब कॉर्पोरेशन को आदेश दिया जाता है कि वो अय्यनार की हफ्तेभर में बहाली करें।
एक टिप्पणी भेजें
0टिप्पणियाँ