आजतक से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर हटाने से पहले एडिशनल डीसीपी सुबोध गोस्वामी ने खुद पूजा-अर्चना की. इसके बाद भगवान की मूर्तियों को सम्मान के साथ हटाया गया. उसके बाद मंदिर को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई.
क्यों तोड़े गए मंदिर-मजार?
जानकारी के मुताबिक, इस इलाके में पीडब्ल्यूडी (PWD) के डबल डेकर फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है. इसके ऊपर मेट्रो का रूट और नीचे सड़क बन रही है. लेकिन बीच सड़क पर मजार और किनारे पर एक हनुमान मंदिर होने की वजह से लगातार ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती थी. इसे हटाने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी.
सीलमपुर के एसडीएम शरत कुमार ने आजतक से बात करते हुए बताया कि ये PWD की सड़क है. मंदिर-मजार से संबंधित व्यक्तियों को अवैध निर्माण हटाने के लिए नोटिस भेज दिया गया था. हालांकि, उन्होंने इसे नहीं हटाया इसलिए प्रशासन के द्वारा इसे हटाने की कार्रवाई की गई.
#WATCH : Additional DCP Subodh Goswami Offers Prayer in Temple before Demolition work at Bhajanpura.#Delhi #DemolitionDrive#delhinews #Demolition #DelhiPolice #SubodhGoswami pic.twitter.com/AIyzmHHaEZ
— upuknews (@upuknews1) July 2, 2023
एडिशनल डीसीपी ने बताया कि सड़क के चौड़ीकरण के लिए मजार और मंदिर को शांतिपूर्वक तरीके से हटा दिया गया है. आस्था से जुड़ा मामला होने की वजह से लोगों में इसको लेकर थोड़ा रोष जरूर था, लेकिन प्रशासन ने लोगों को समझाया कि ये विकास कार्य से जुड़ा हुआ मामला है. एडिशनल डीसीपी ने बताया कि जो लोग गुस्सा या नाराज़ थे, बातचीत के बाद उन्होंने ही धार्मिक स्थल से मूर्तियां हटाने में सहयोग दिया.
AAP नेता ने उपराज्यपाल को घेरा
इस मामले में दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को घेरा. आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आतिशी ने लिखा है,
'LG साहब, मैंने कुछ दिनों पहले आपसे पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़ने का जो आपका निर्णय, वो आप वापस ले लें. परंतु आज फिर से आपके आदेश पर भजनपुरा में एक मंदिर तोड़ दिया गया है. मेरा आपसे पुनः निवेदन है कि दिल्ली में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को ना तोड़ा जाए. इन से लोगों की आस्था जुड़ी है.'
बता दें, इस पूरी कार्रवाई में किसी भी तरह की दिक्कत या हिंसा की ख़बर सामने नहीं आई है.
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