चूरू जिले के तारानगर इलाके में है एक करोड़ का भेड़
दरअसल चूरू जिले के तारानगर इलाके में एक गांव में रहने वाल राजू सिंह और उसका परिवार चरवाहा है। ये लोग खुद के और अन्य लोगों के मवेशी चराते हैं और इसके बदले कीमत लेते हैं। राजू सिंह ने बताया कि उसके पास करीब पच्चीस साल से मवेशी हैं जिनमें भेड़ बकरियों की संख्या काफी ज्यादा है। इस दौरान भेड़ बकरियों से दूध और उन का कारोबार भी किया जाता रहा है।
इस भेड़ के शरीर पर लिखा हुआ है 786
एक साल पहले एक भेड़ ने एक नर बच्चे को जन्म दिया। भेड़ के बच्चे को मेंढा कहा जाता है। इस मेंढे के पेट पर मुस्लिम समाज में शुभ माने जाना वाला अंक 786 शुरू से ही लिखा हुआ था। इस बारे में राजू को कुछ दिन पहले उस समय पता चला जब मुस्लिम समाज के कुछ बुजुर्गों ने मेंढे को देखा। उसके बाद ईद पर इसका सौदा करने वाले लोग आने लगे। सत्तर लाख रपए से लेकर एक करोड़ तक देने को तैयार थे लेकिन राजू सिंह ने मेंढा नहीं बेचा। अब वह उसे सदा अपने साथ ही रखता है। कहीं बाहर जाता है तो कमरे में लॉक करके जाता है। उसे खाने में हरा चारा, फल और सब्जियां दी जाती है। उसका कहना है कि वह इसे बेचना नहीं चाहता, अपने साथ रखकर पालना चाहता है।
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